नई दिल्ली। कोरोना महामारी में देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व आज इसकी चपेट में आ गया है। कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी देशों में लॉकडाउन लगा दिया गया था। जिसके चलते सभी देशों की अर्थव्यवस्था अधिक प्रभावित हुई थी। हालांकि अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इसी बीच देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार द्वारा लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इसी बीच वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार का सबसे ज्यादा जोर इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर होगा। दरअसल कोरोना संक्रमण के बाद आर्थिक मंदी की वजह से देश में बड़े पैमाने पर रोजगार में कमी आई है। इसके साथ ही पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से साफ तौर पर कहा है कि इस बार के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर जोर दिया जाए। अगर प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए फंड की कमी आ रही है तो ज्यादा पैसा मुहैया कराया जाएगा।
फंड की कमी आए तो ज्यादा पैसा मुहैया कराया जाएगा-
बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से देश की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ही धीमी पड़ गई थी। लेकिन अब इसको रफ्तार देने के लिए सरकार अहम फैसले ले रही है। जिससे लोगों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था भी रफ्तार पकड़ लेगी। मीडिया में छपी कुछ खबरों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की लिस्ट मांगी है, जिनमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके। लिस्ट देते समय इन बातों का पूरा ब्योरा देने के लिए कहा गया है, ये परियोजनाएं कितने समय में पूरा हो सकती हैं। इनके लिए कितना पैसा चाहिए और ये कब शुरू हो सकती हैं। पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से साफ तौर पर कहा है कि इस बार के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर जोर दिया जाए। अगर प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए फंड की कमी आ रही है तो ज्यादा पैसा मुहैया कराया जाएगा।
इन क्षेत्रों में मिलेगा रोजगार-
सरकार की कोशिश है कि जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाई जाए और इसके लिए पूरा जोर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगाया जाए। इससे एक तो जीडीपी ग्रोथ को रफ्तार मिलेगी वहीं दूसरी ओर ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. देश में इलेक्ट्रिसिटी, रोड, टेलीकम्यूनिकेशन, रेलवे, सिंचाई, वॉटर सप्लाई, पोर्ट, स्टोरिंग फैसिलिटी, तेल और गैस सप्लाई के सेक्टर में बड़े निवेश की जरूरत है ताकि बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार दिया जा सके।