नई दिल्ली। अब आने वाली 17 तारीख को लोकसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। इस मानसूत्र सत्र में कई मुद्दे सरकार के लिए बड़ी परेशानी बनेंगे। इन परेशानियों में सबसे बड़ी बात है कि चीन और भारत के बिगड़ते नाजुक हालात और विदेश मंत्रालय का एक्शन, इसके साथ ही गृहमंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई करते हुए उचित कदम उठाएं हैं। इसलिए विदेश मंत्रालय और गृहमंत्रालय ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है जिसमें वो इस मुद्दे पर अपने कार्यों की प्रस्तुती करेंगे।
इन दिनों चीन के साथ रिश्ते बहुत ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। बीते दिनों चीन की तरफ से कई बार विवादित बयान चीनी मीडिया द्वारा भी दिए गये हैं। यहां तक की भारत को 1962 में हुई इंडो-चाइना वार से भी सबक सीखने की सलाह तक दे दी गई है। इस बात का जबाब भी भारत की ओर से रक्षामंत्री अरूण जेटली ने साफ शब्दों में चीन को बता दिया है। लेकिन चीनी मीडिया लगातार विवादित बयान देती आ रही है। बीते दिनों डोकलाम क्षेत्र में भारतीय सेना की मौजूदगी को लेकर उसने कहा कि जैसे वो भूटान और चीन के बीच राजनयिक समझौते की बात कह कर आ रहा है। उसी तरह हम भी पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में आ सकते हैं।
बीते दिनों सिक्किम से लगे भूटान के डोकलाम क्षेत्र में जिसको चीन और भूटान दोनों ने एक समझौते के तहत सीमा के ठीक से निर्धारण किए जाने तक यथास्थिति में रखने की बात कही थी। लेकिन अब चीन उस इलाके में सड़क का निर्माण कर रहा है। जिस पर भूटान को आपत्ति थी और भारत के साथ भूटान का रक्षा को लेकर समझौता है। इसलिए भारतीय सेना ने भूटान की संप्रभुता का हनन होने से रोकने के लिए वहां सड़क के निर्माण पर पाबंदी लगाई जिसके बाद चीनी सेना ने सिक्किम सेक्टर में सीमा पार करने की कोशिश की जिसे भारतीय सेना ने शांत तरीके से रोकने का प्रयास किया। इसके बाद चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना बंकरों को तोड़ने की कोशिश भी की। हांलाकि भारतीय सेना ने मानव श्रृंखला बनाकर इन्हे रोका। इसके बाद चीन ने बौखलाहट में नाथुला दर्रे से हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा बीच में ही रोक दी। इस पूरे प्रकरण में भारत के हस्तपेक्ष को वो लगातार गलत और अवैध करार दे रहा है।
अब आने वाली 17 तारीख को लोकसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। इस मानसूत्र सत्र में कई मुद्दे सरकार के लिए बड़ी परेशानी बनेंगे। इन परेशानियों में सबसे बड़ी बात है कि चीन और भारत के बिगड़ते नाजुक हालात और विदेश मंत्रालय का एक्शन, इसके साथ ही गृहमंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई करते हुए उचित कदम उठाएं हैं। इसलिए विदेश मंत्रालय और गृहमंत्रालय ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है जिसमें वो इस मुद्दे पर अपने कार्यों की प्रस्तुती करेंगे।