देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ो में हो रहे है लगातार पलायन को अभी तक की सभी सरकार रोकने में नाकामियाब रही हो लेकिन अब त्रिवेंद्र सरकार ने खाली होते गाँव स्कूलों में घटती छात्र छात्राओं की संख्या को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है राज्य में सरकार अब उत्तखण्ड के लगभग 24 सो स्कूलों को बंद करने जा रही है ये फैसला सरकार ने कागजो में भी उतार दिया है।
उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट बैठक में उन स्कूलों को बंद करने के आदेश पर मोहर लगा दी है. जिनमें 10 से कम छात्र पढ़ रहे हैं. लंबे समय से शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों को चयनित कर रहा है जिन स्कूलों में 10 से कम बच्चे हैं.प्रदेशभर में इस वक्त 2425 प्राथमिक विद्यालय और 291 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां पर छात्र संख्याबल 10 से कम है। और अब इन स्कूलों को बंद कर उनका विलय उन स्कूलों से किया जायेगा जहां छात्रों की संख्या ज्यादा है।
अभी तक प्रदेश में 255 प्राथमिक और 46 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का विलय अन्य स्कूलों के साथ किया जा चुका है। सरकार लम्बे समय से शिक्षा विभाग में इस कवायत में लगी थी लिहाजा पहले सभी आकड़े जुड़ाये गए आपको बता दें की जो स्कुल बंद होने जा रहे है उनमे से कई स्कुल ऐतिहासिक भी है जो कई सो साल पुराने है।
सरकार सीधे तौर पर इस प्रक्रिया को कुछ इस तरह आगे बढ़ा रही है की जी 5 किलोमीटर स्कुल दुरी पर होंगे.उन दो स्कूलों को एक बना दिया जायेगा ताकी छात्रों की संख्या स्कूलों में बढ़े उत्तराखंड में 2465 प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या दस और दस से कम है जबकि, करीब 500 से ज्यादा जूनियर हाईस्कूलों में भी छात्र संख्या इस आंकड़े से कम है।
इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है की सरकार का ये फैसला गलत है और सरकार को इस पर दुबारा विचार करना चाहिए बरहाल सरकार का ये फैसला कितना कारगर होगा ये तो भविष्य बताएगा लेकिन फ़िलहाल इस कदम से शिक्षकों की कमी स्कूलों में इस लिए काफी हद तक कम होगी क्यूंकि इन स्कूलों के शिक्षकों को भी सरकार दूसरे स्कूलों में शिफ्ट करेगी