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सरकार ने ड्रोन उड़ाने की नियमों में किया बदलाव, जानिए कैसे काम करेगा ‘ड्रोन नियम 2021’

ड्रोन सरकार ने ड्रोन उड़ाने की नियमों में किया बदलाव, जानिए कैसे काम करेगा 'ड्रोन नियम 2021'

भारत सरकार ने ड्रोन निर्माताओं, ऑपरेटरों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए ‘ड्रोन’ उड़ाने की नियमों में बदलाव किया है। जिसके तहत अब ड्रोन उड़ाना पहले की तुलना में सरल हो जाएगा । इन नए नियमों के तहत मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 को निरस्त कर “उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021” पेश किया है। सरकार का मानना है कि “भारत 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब के रूप में सामने आने की क्षमता रखता है। स्टार्टअप पहले से ही भोजन और दवाएं पहुंचाने के लिए ड्रोन का उपयोग करने के लिए तैयार हैं, यह कृषि, खनन, बुनियादी ढांचे, निगरानी और कानून प्रवर्तन के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। 

जटिल प्रक्रिया का नहीं करना होगा सामना

स्टार्टअप्स और ड्रोन ऑपरेटरों को अब जटिल अनुमोदन प्रक्रिया का सामना नहीं करना होगा । साथ ही नए नियमों के तहत पूरी प्रणाली अब स्व-प्रमाणन और गैर-घुसपैठ निगरानी पर आधारित है। डिजिटल स्काई वेबसाइट का उपयोग सभी अनुमोदनों, प्रमाणपत्रों आदि के लिए किया जाएगा और अधिकांश अनुमतियां स्व-निर्मित होंगी। ड्रोन के बारे में पूरी जानकारी डिजिटल स्काई वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।

इन जोन में ड्रोन की संचालन नहीं लेनी होगी अनुमति 

डिजिटल स्काई वेबसाइट में अब एक इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप जारी किया जाएगा। जिसमें ग्रीन, येलो और रेड जोन को प्रदर्शित होगा । जिसके तहत ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी । ग्रीन ज़ोन का मतलब 400 फीट या 120 मीटर की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र है जिसे हवाई क्षेत्र के नक्शे में लाल क्षेत्र या पीले क्षेत्र के रूप में नामित नहीं किया गया है; और एक परिचालन हवाई अड्डे की परिधि से 8 और 12 किलोमीटर की पार्श्व दूरी के बीच स्थित क्षेत्र से 200 फीट या 60 मीटर की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र। दूसरी ओर, हवाई अड्डे की परिधि से पीला क्षेत्र 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है।

कैसे बने ड्रोन पायलट

अगर आप ड्रोन पायलट बनना चाहते हैं तो आपको नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अधिकृत प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण लेना चाहिए। साथ ही आपके पास उचित दस्तावेज होने चाहिए और अपना “पायलट पहचान संख्या” और मानव रहित विमान ऑपरेटर परमिट (यूएओपी) प्राप्त करने के लिए “रिमोट पायलट” के रूप में पंजीकरण करना होगा। जिससे संबंधित जानकारी व विवरण डिजिटल स्काई वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

पांच श्रेणियों में विभाजित है ड्रोन 

भारत में पांच श्रेणियों के अंतर्गत ड्रोन को विभाजित किया गया है ।

  1. नैनो(nano): 250 ग्राम से कम या उसके बराबर।
  2. माइक्रो (micro): 250 ग्राम से अधिक और 2 किग्रा से कम या उसके बराबर।
  3. छोटा (small): 2 किलो से बड़ा और 25 किलो से कम या उसके बराबर।
  4. मध्यम(medium): 25 किग्रा से अधिक और 150 किग्रा से कम या उसके बराबर।
  5. बड़ा(large): 150 किलो से अधिक।

 ड्रोन के साथ दूसरे देशों में आयात कि क्या होगी स्थिति

ड्रोन के आयात को डीजीएफटी द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। हालांकि, भारतीय ड्रोन कंपनियों में विदेशी स्वामित्व पर कोई प्रतिबंध नहीं है। साथ ही, DGCA से आयात मंजूरी की आवश्यकता अब समाप्त कर दी गई है। “ड्रोन नियम, 2021 के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है। यह ड्रोन टैक्सियों को भी कवर करेगा।

 

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