गोरखपुर: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर की तस्वीर लगातार बदल रही है। पर्यटन के नजरिए से बाबा गोरखनाथ की धरती बीते चार वर्षों में कितनी बेहतर हो गई है, इसका एहसास सभी ने किया।
मुख्यमंत्री के गढ़ गोरखपुर में तरह-तरह की योजनाओं के जरिए हर उस स्थल को संवारने का प्रयास हुआ या हो रहा है, जिसमें पर्यटन विकास की जरा भी संभावना है। आज जिले में कई ऐसी स्थल हैं, जो गोरखपुर आने वाले पर्यटकों को यहां ठहरने को मजबूर करने में समर्थ हैं।
पर्यटकों की संख्या में हुई 25 फीसदी वृद्धि
पर्यटन विभाग के अनुसार, बीते चार वर्षों में जिले में पर्यटकों की तादाद में करीब 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। आज से जब चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश की कमान गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने संभाली तो पर्यटन विकास को लेकर यहां के लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ीं।
पर्यटन विभाग ने न सिर्फ ठंडे बस्ते में पड़ी परियोजनाओं बल्कि कई नई परियोजनाएं भी तैयार कीं और उन्हें धरातल पर उतारा या उतारा जा रहा है। सालों तक दुर्दशा का दंश झेल चुके रामगढ़ताल की झलक इन दिनों मुंबई के मरीन ड्राइव जैसी दिखती है। ताल के बगल में बन रहे वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण का कार्य भी करीब-करीब पूरा हो चुका है।
स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स की लागत 40 करोड़ रुपए
स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स गोरखपुर विकास प्राधिकरण विकसित कर रहा है, जिसकी लागत 40 करोड़ रुपए होगी। यहां कई रोमांचकारी खेलों का आयोजन होगा। इसके साथ ही चिल्ड्रन पार्क भी बनेगा, जिसमें बच्चों के लिए टॉय ट्रेन और टॉय हेलीकॉप्टर जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। यह पार्क नया सवेरा प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जा रहा है।
गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में गोरखनाथ मंदिर के अलावा बेहतर प्रस्तुति और प्रचार-प्रसार के अभाव में पर्यटकों का ध्यान न खींच पाने वाले आध्यात्मिक स्थल को भी चिन्हित कर पर्यटन विभाग ने सरकार की मंशा के अनुरूप चमकाया है। यही नहीं, मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन स्थलों को सजाने-संवारने की योजना तैयार हो चुकी है।
कबीर धूनी और गोरख तलैया भी लगभग तैयार
प्रदेश सरकार ने इस योजना तहत धनराशि भी दे दी है। जिले में गोरखनाथ मंदिर की चमक तो बढ़ाई गई ही है, साथ ही शहीद स्थल भी संवारे गए हैं। गोरखपुर और संत कबीरनगर की सीमा पर स्थित कसरवल में मौजूद कबीर धूनी और गोरख तलैया भी करीब-करीब बनकर तैयार है।