कांग्रेस और अन्य प्रमुख विपक्षी दल ने मंगलवार को बैठक कर अपने एक संयुक्त उपराष्ट्रपति उम्मीदवार का चयन किया है। बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है कि विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति के लिए गोपाल कृष्ण गांधी के नाम पर मुहर लगी है। गोपाल कृष्ण गांधी के बारे में बात की जाए तो वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परपोते हैं। उनके नाम पर मुहर 18 विपक्षिय दलों की बैठक में लिया गया है। गोपाल कृष्ण गांधी का जन्म 22 अप्रैल साल 1946 में हुआ था। गोपाल कृष्ण गांधी पश्चिम बंगाल के गवर्नर भी रह चुके हैं। वह साल 2004 से साल 2009 तक पश्चिम बंगाल के गवर्नर रह चुके हैं।
गोपाल कृष्ण गांधी इससे पहले सिविल सर्विस सेवा में तैनात थे। गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पोते हैं। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के लिए गोपाल कृष्ण गाधी के नाम पर मुहर संसद परिसर में जारी विपक्ष की मीटिंग के बाद लिया गया है। वही विपक्ष की यह मीटिंग सोमवार देर शाम को अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले में मारे गए श्रद्धालुओं के लिए मौन रखकर की गई।
देश में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव काफी सुर्खियां बटोर रहा है। एनडीए और विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनाव प्रचार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। जिसके चलते एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार देश में अलग अलग राज्यों का दौरा कर चुनाव के लिए वोट बटोर रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के साथ साथ अब उपराष्ट्रपति चुनाव भी सुर्खियों में छाया हुआ है। जहां मंगलवार को विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गाधी के नाम पर मुहर लग गई। लेकिन हमेशा की तरह अपने पत्तों को आखिर में खोलने वाली बीजेपी की तरफ से अभी तक किसी का नाम सामने नहीं आया है। एनडीए की तरफ से अभी तक उसके उपराष्टपति के नाम का ऐलान नहीं किया गया है।
विपक्ष की यह बैठक संसदीय लाइब्रेरी भवन में हुई है। विपक्षी दलों की इस बैठक में जनता दल युनाइटेड सहित 18 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने लिया। विपक्षी दलों की बैठक में जदयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हिस्सा नहीं लेंगे। गौरतलब हो कि राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना समर्थन एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को देने का फैसला लिया है।