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गूगल ने कथा-सम्राट प्रेमचंद को याद किया

prem chand गूगल ने कथा-सम्राट प्रेमचंद को याद किया

नई दिल्ली। हिंदी के महान साहित्यकार प्रेमचंद के 136वें जन्मदिन के अवसर पर रविवार को गूगल ने उन्हें खास अंदाज में श्रद्धांजलि दी। गूगल ने प्रेमचंद की तस्वीर के साथ ग्रामीण भारत को दर्शाया है। डूडल में कुर्ता पहने प्रेमचंद कलम से कुछ लिखते दिखाई दे रहे हैं। प्रेमचंद का असली नाम धनपत राय था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के लमही गांव में 31 जुलाई को 1880 में हुआ था।

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प्रेमचंद के लेखन में आम आदमी का दर्द झलकता है। उन्होंने 300 से अधिक कहानियां और उपन्यास लिखे। उन्हें ‘मंत्री’, ‘नमक का दारोगा’, ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘पूस की रात’, ‘बड़े भाईसाहब’, ‘बड़े घर की बेटी’, ‘कफन’, ‘उधार की घड़ी’, ‘प्रेम पूर्णिमा’, ‘जुर्माना’, ‘बूढ़ी काकी’ आदि रचनाओं के लिए जाना जाता है।

उन्होंने हिंदी के अलावा उर्दू भाषा में भी काम किया है। प्रेमचंद की रचनाओं में गरीबी, दमन, अन्याय, शोषण और तत्कालीन समाज में सांप्रदायिक भेदभाव के बीज बोये जाने की झलक दिखाई देती है, जिसका वह प्रखर विरोधी थे। उनकी कई रचनाओं में देश की गंगा-जमुनी संस्कृति के विविध रूप दिखाई देते हैं।

प्रेमचंद का उपन्यास ‘निर्मला’ काफी लोकप्रिय है। वर्षो पहले ‘निर्मला’ नाम से ही दूरदर्शन ने टीवी धारावाहिक का प्रसारण किया था। मुंशी प्रेमचंद ने 1936 में उपन्यास ‘गोदान’ लिखा था। इस पर गीतकार व फिल्मकार गुलजार ने एक टेलीफिल्म बनाई थी। प्रेमचंद का अंतिम उपन्यास ‘मंगलसूत्र’ अधूरा रह गया था। यथार्थवादी कथाशिल्पी प्रेमचंद जब 56 वर्ष के थे, 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया।

 

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