नई दिल्ली। गूगल आज अपने डूडल के जरिए कामिनी रॉय की 155वी जयंती को सेलिब्रेट कर रहा है। गूगल ने अपने डूडल में कामिनी रॉय का एक इमेज लगाया है जिसके ऊपर क्लिक करने पर आपको कामिनी रॉय से संबंधित जानकारी मिल जाएगी। महिला अधिकारों की आवाज उठाने वाली कामिनी रॉय ब्रिटिश भारत में एक प्रमुख बंगाली कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और नारीवादी थीं। वे ब्रिटिश भारत में स्नातक करने वाली पहली महिला थीं।
कामिनी रॉय का जन्म 12 अक्टूबर 1864 को बंगाल के बसंदा गाँव में हुआ था जो अब बांग्लादेश के बारीसाल जिले में पड़ता है। 1883 में बेथ्यून स्कूल से उन्होंने अपनी शिक्षा आरम्भ कीं। ब्रिटिश भारत में स्कूल जाने वाली पहली लड़कियों में से एक, उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
1886 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के बेथ्यून कॉलेज से संस्कृत प्रावीण्य के साथ कला की डिग्री ली और उसी वर्ष वहां पढ़ाना शुरू कर दिया। कादम्बिनी गांगुली, देश की पहले दो महिला स्नातकों में से एक, एक ही संस्थान में उनसे तीन साल वरिष्ठ थीं। उन्होंने 1889 में छन्दों का पहला संग्रह आलो छैया और उसके बाद दो और किताबें प्रकाशित कीं, लेकिन फिर उनकी शादी और मातृत्व के बाद कई सालों तक लेखन से विराम लिया।
वह उस जमानें में एक नारीवादी थी जब एक महिला के लिए शिक्षित होना वर्जित था। कामिनी राय अन्य लेखकों और कवियों को रास्ते से हटकर प्रोत्साहित किया। 1923 में, उन्होंने बारीसाल का दौरा किया और सूफिया कमाल, एक युवा लड़की को लेखन जारी रखने के लिए को प्रोत्साहित किया। वह 1930 में बांग्ला साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष थीं। 27 सितंबर 1933 को उनकी मृत्यु हो गई।