वाराणसी: प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र अब बांग्लादेश से जल मार्ग द्वारा जुड़ेगा। काशी को क्रूज के द्वारा बांग्लादेश से जोड़ने की तैयारी हो रही है। इससे दोनों देशों के रिश्ते और संस्कृति पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।
तलाशी जा रही है परिवहन की नई संभावनाएं
काशी को बांग्लादेश से जोड़ने का ऐतिहासिक काम जल्द ही पूरी तरह से सामने आएगा। यह सफर क्रूज के माध्यम से तय किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बांग्लादेश की टेक्निकल टीम भी मदद करेगी।
पश्चिम बंगाल वाली सेवा बनारस तक
बांग्लादेश से व्यापार और जल परिवहन के लिए बंगाल पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। अब इस व्यवस्था को आगे बढ़ा कर काशी को भी इसमें सम्मिलित किया जा रहा है। काशी और बांग्लादेश के जल मार्ग से जुड़ने का फायदा व्यापार पर भी पड़ेगा।
बनारस भी होगा व्यापारिक करार में शामिल
इसमें बदलाव के बाद बनारस को भी बांग्लादेश से होने वाले व्यापारिक करार में शामिल किया जाएगा। इस पर अधिक जानकारी भारतीय जहाजरानी मंत्रालय के सदस्य शशि भूषण शुक्ला ने दी। उन्होंने कहा कि इस नए करार के बाद कोलकाता व हल्दिया बंदरगाह की तरह बनारस भी बांग्लादेश से जुड़ जाएगा।
दोनों जगहों में बढ़ेगी व्यापारिक संभावनाएं
भारत बांग्लादेश से लेदर, गारमेंट और झूठ जैसे उत्पादों का आयात करता है। वहीं काशी और बांग्लादेश से कनेक्ट होने के बाद बनारस के उत्पाद भी बांग्लादेश जाएंगे। जिनमें फूड ग्रेन, कोयला, स्टोन चिप और सीमेंट आदि शामिल होगा।