2021 में खाद्य तेलों की महंगाई से जूझती आम जनता को अब 2022 की शुरुआत में राहत मिलने जा रही है। आपको बता दें आज यानी मंगलवार को केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों की कीमतों को लेकर कहा कि देश में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें वैश्विक बाजार के अनुरूप 1 साल पहले की समान अवधि की तुलना में काफी ऊंची रही है। लेकिन अक्टूबर 2021 के बाद इसमें गिरावट आ रही है। 167 मूल्य संग्रह केंद्र के रुझानों के मुताबिक, देशभर में प्रमुख खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों की खुदरा कीमत में ₹5 से ₹20 प्रति किलो की गिरावट आई है।
क्या है खाने के तेल के ताजा रेट
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को मूंगफली के तेल का अखिल भारतीय औसतन खुदरा मूल्य ₹180 प्रति किलो, वही सरसों के तेल का खुदरा मूल्य ₹184.59 प्रति किलो, सोयाबीन तेल 148.5 रुपए प्रति किलो, सूरजमुखी का तेल 162.4 रुपए प्रति किलो था।
अक्टूबर के बाद कम हुई कीमत
आंकड़ों के मुताबिक 1 अक्टूबर 2021 को प्रचलित कीमतों की तुलना में अब मूंगफली और सरसों के तेल की खुदरा कीमत में 1.50 से ₹3 प्रति किलो की कमी की गई है वही सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में 7 से ₹8 की प्रति लीटर कीमत में गिरावट हुआ है। मंत्रालय के मुताबिक अडाणी विल्मर और रुचि इंडस्ट्रीज समेत प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 15-20 रुपये प्रति लीटर की कमी की है।
इन कंपनियों ने तेल की कीमत में की गिरावट
इसके अलावा कई अतिरिक्त खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में गिरावट की है जिसमें जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया, हैदराबाद, मोदी नैचुरल्स, दिल्ली, गोकुल री-फॉयल एंड सॉल्वेंट, विजय सॉल्वेक्स, गोकुल एग्रो रिसोर्सेज और एन के प्रोटीन्स कंपनियां शामिल हैं।
भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक
आपको बता दें भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश है। क्योंकि इसका घरेलू उत्पाद इसकी घरेलू मांग को पूरा करने में असमर्थ है। ऐसे में देश में खाद्य तेलों की खपत का लगभग 50% से अधिक हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है। मंत्रालय के बयान के मुताबिक वैश्विक उत्पादन में कमी और निर्यातक देशों द्वारा निर्यात कर में वृद्धि के कारण खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतें दबाव में है। क्योंकि खाद्य तेलों की घरेलू कीमतें आयातित तेल की कीमतें से तय होती है।