वाराणसी: राजधानी दिल्ली सहित देश के लगभग सभी महानगरों की वायु की गुणवत्ता बेहद खराब है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वाराणसी के तीन स्थानों पर वायु प्रदूषण की जांच करने वाली मशानें लगवाने जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन मशीनों को लंका, भेलूपुर और लहुराबीर क्षेत्र में लगाया जाएगा। इन मशीनों के माध्यम से काशीवासी हवा में मौजूद अमोनिया और आर्सेनिक के स्तर को देख सकेंगे।
बेंजीन, टॉलीन व जायलीन के स्तर की भी होगी गणना
बता दें कि शहर की आबोहवा को सुधारने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक हवा में घुलित सूक्ष्म प्रदूषक तत्वों में पीएम 2.5 की ही गणना होती थी। अब मशीनों के माध्यम से आर्सेनिक और अमोनिया के साथ-साथ बेंजीन, टॉलीन और जायलीन के स्तर की भी गणना होगी।
आर्सेनिक और अमोनिया के नुकसान
हवा में आर्सेनिक होने से इसके कण शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे व्यक्ति को कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही किडनी भी धीरे-धीरे खराब होने लगती है। ये शरीर में धीमे जहर के रूप में काम करता है। वहीं, अमोनिया के नाक में जाने से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और श्वास नली में जलन पैदा होने लगती है। आंखों को नुकसान और अंधा होने का भी खतरा बना रहता है।
बेंजीन, टॉलन और जायलीन भी हैं खरतनाक
अमूमन बेंजीन, टॉलन और जायलीन भी मानव शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। ये सूक्ष्म कण वाहनों के धुएं से निकलकर शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करते हैं। इनमें बेंजीन से कैंसर होने का खतरा रहता है।
वायु प्रदूषण से कैसे करें बचाव?
हवा में घुलित इन सूक्ष्म कणों से बचाव के लिए हमें घर से बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही हमें अपनी डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करना चाहिए और भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा विटामिन-सी भी हमें हवा में घुलित इन सूक्ष्म कणों से लड़ने की ताकत देता है। विटामिन-सी के प्रयोग से हमारी इम्युनिटी मजबूत होती है। विटामिन-सी अमूमन खट्टे फलों जैसे- नींबू, आंवला, अमरूद, नारंगी आदि में पाया जाता है।