चंडीगढ़। केंद्र सरकार की मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए आखिरी बजट को पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने निराशाजनक करार दिया है, लेकिन उन्होंने 23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाने को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ये कदम अच्छा है, लेकिन फसलों की प्रोडक्शन कास्ट की गणना पर आशंका है क्योंकि असल काम तो फसल का उत्पादन मूल्य निकालने से है। इसी के साथ उन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस को बजट के दायरे में लाने का स्वागत किया है। कई क्षेत्रों में मंत्री ने बजट का स्वागत किया तो कई क्षेत्रों में उसे सही नहीं ठहराया।
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एक्साइज ड्यूटी कम करने से पंजाब को सालाना करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। उन्होने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोलियम पर लगी एक्साइज ड्यूटी कम करके राहत देने की बात की है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा दिया है, जिसके चलते राज्यों को 20 करोड़ रुपये का नुकसान तय है। मंत्री ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी में राज्यों की हिस्सेदारी 42 फीसदी होती है, जबकि बाकी सब केंद्र के हिस्से में आता है। उन्होंने कहा कि जेटली ने ऐसा करके राज्यों की आय में कटौती करने का काम किया है।
बजट में 23 फसलों को एमएसपी के दायरे में लाने व कास्ट आफ प्रोडक्शन की 50 फीसदी मुनाफा जोड़ने पर मनप्रीत बादल ने कहा कि असली मुद्दा फसल की कास्ट निकालने को लेकर है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि केंद्र राष्ट्रीय स्तर पर फसल की कास्ट निकाल सकती है, जबकि प्रत्येक राज्य में कास्ट अलग हो सकती है। उन्होंने कहा किकेंद्र सरकार नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र की कास्ट निकालने के फार्मूले को अडाप्ट करे। उन्होंने बजट में 10 करोड़ लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में लाने का स्वागत किया लेकिन यह भी आशंका जताई कि इतने सारे लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कोई बड़ा प्रावधान नहीं किया गया है।