नई दिल्ली। गोवा के नेवल वॉर कॉलेज में दो दिन से चल रहा गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (जीएससी) 2019 पांच अक्टूबर को नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी के संबोधन के साथ संपन्न हो गया। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में सभी हितधारकों से आपसी विश्वास की मजबूत बुनियाद, सहयोग और सहभागिता के आधार पर मिलकर काम करने का आह्वान किया, ताकि इस क्षेत्र के समुद्री रास्तों और अर्थव्यवस्थाओं को सुरक्षित किया जा सके।
मेहमान नौसेना प्रमुखों ने भी सभा को संबोधित किया और इस मंच पर अपना दृष्टिकोण भी रखा। कॉन्क्लेव के इतर, द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और हर देश से जुड़े खास मुद्दों पर चर्चा करने के लिए द्विपक्षीय बैठकें भी आयोजित की गईं।
इस अवसर पर नौसेना की दक्षिणी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एके चावला, एवीएसएम, वीएसएम, एनएम ने 13 अगस्त से 5 अक्टूबर, 2019 तक चले आठ सप्ताह के चौथे क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा पाठ्यक्रम (आरएमएससी) में शामिल होने वाले तथा इसे सफलतापूर्वक पूरा करने वाले बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मालदीव, मॉरीशस, म्यांमार, नाइजीरिया, श्रीलंका और वियतनाम के आठ अधिकारियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए।
दूसरे देशों की कुछ नौसेनाओं के प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) का भी दौरा किया। उन्हें विभिन्न निर्माणाधीन पोतों और जहाजों पर ले जाया गया, जहां शिपयार्ड की जहाज निर्माण क्षमता दिखाई गई।
जीएमसी 2019 का उद्घाटन 4 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल ने किया था। इसमें कई नौसेना प्रमुखों और हिंद महासागर से सटे 10 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह भारत द्वारा समुद्री क्षेत्र में की गई अग्रिम पहल है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सभी की सुरक्षा और विकास (सागर) के लिए की गई पहल का सबसे अच्छा उदाहरण है।