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गोवा विधानसभा चुनावः भाजपा को टक्कर देने रणक्षेत्र में केजरी’वार’

GOa गोवा विधानसभा चुनावः भाजपा को टक्कर देने रणक्षेत्र में केजरी'वार'

नई दिल्ली। आगामी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों ने अब कमर कस ली है। 40 विधानसभा सीटों वाले राज्य गोवा में मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, लक्ष्मीकांत पार्सेकार मौजूदा समय में राज्य के मुख्यमंत्री हैं। चुनाव आयोग ने मतदान के तारीखाें की घोषणा करते हुए राज्य में एक चरण में चुनाव कराने का एलान किया है। राज्य में भाजपा जहां एकबार फिर से सत्ता में आने का प्रयास करेगी, वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कड़ी टक्कर देने को तैयार है।

GOa गोवा विधानसभा चुनावः भाजपा को टक्कर देने रणक्षेत्र में केजरी'वार'

एक चरण में होगा गोवा चुनाव- गोवा में 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। चुनाव को लेकर जारी किए गए घोषणा के अनुसार 11 जनवरी को नोटिफिकेशन, 18 जनवरी को नॉमिनेशन की तारीख, 19 जनवरी को स्क्रूटनी नॉमिनेशन, 21 जनवरी को नाम वापस लिया जा सकेगा। 4 फरवरी को चुनाव के बाद 11 मार्च को मतगणना में राज्य को नई सरकार मिल जाएगी।

राज्य की सियासी स्थिति– गोवा में मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 40 में से 21 सीटों पर कब्जा किया था। मनोहर पर्रिकर राज्य के मुख्यमंत्री बने लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जब पर्रिकर देश के रक्षा मंत्री बने जिसके बाद उन्हे अपना पद छोड़ना पड़ा। उसके बाद लक्ष्मीकांत पार्सेकार को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी चुनावी दंगल में किस्मत आजमाने आ रहे हैं। हाल के दिनों में केजरीवाल ने गोवा में चुनावी रैली कर अपनी पैठ को मजबूत करने का प्रयास किया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस राज्य में भाजपा और आप को टक्कर देने के पूरे प्रयास में है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 9 ही सीटों से संतोष करना पड़ा था, जिसे पार्टी इस बार बढ़ाने की कोशिश करेगी, राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की हालात को देखते हुए यह करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

आप और भाजपा लगा रही है जोर- गोवा विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जोरों शोरों से लगी हुई है। राज्य की स्थिति पर नजर डालें तो भाजपा को 2007 के बाद 2012 में हुए चुनाव में 5 सीटों की बढ़त मिली थी, भाजपा इसे एकबार फिर से कायम रखने की कोशिश करेगी। वहीं आम आदमी पार्टी राज्य में अपनी पकड़ को बनाने के लिए प्रयास करती रही है, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी, दिल्ली विधानसभा मे मिली एकतरफा जीत को पार्टी यहां भी कायम रखने का पूरा प्रयास करेगी। राज्य में चुनावी स्थिति 11 मार्च को मतगणना के बाद स्पष्ट हो जाएगी।

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