हृूस्टन। चीन से आए कोरोना वायरस ने दुनिया के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले लिया। सभी में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। सभी देश इस समय कोरोना से बचाव को लेकर वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं। हालांकि अभी कोई भी देश वैक्सीन का पूर्ण ट्रायल नहीं हो पाया है। इसी बीच भारतीय मूल की 14 वर्षीय अनामिका ने अमेरिका में देश का नाम रोशन किया है। अनामिका की बहुत तारीफें की जा रही हैं। बच्चों में भी वैज्ञानिक पद्वति को अपनाने की होड़ लगी रहती है।
बता दें कि भारत दिनों दिन जहां लगातार तरक्की करने में लगा हुआ है। इस समय वैज्ञानिक प्रोद्योगिकी दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। वहीं भारतीय मूल की 14 वर्षीय अनामिका ने सबके हैरान कर देने वाला काम किया है। जिसको लेकर उसकी तारीफें की जा रही हैं। 14 साल की अनामिका चेब्रोलु ने 3एम यंग साइंटिस्ट चैंलेज में टाॅप 10 में अपना स्थान बनाया हैं। जिसको लेकर उन्हें 25,000 अमेरिकी डाॅलर यानि 18 लाख रुपये भी दिए गए हैं। यह अमेरिका की प्रमुख माध्यमिक विद्यालय विज्ञान प्रतियोगिता है। 3एम मिनसोटा स्थित एक अमेरिकी विनिर्माण कंपनी है।
इसी के साथ आगे बताते चलें कि 3एम चैंलेज बेवसाइट के अनुसार अनामिका पिछले साल एक भंयकर संक्रमण इन्फ्लूएंजा से संक्रमित हो गई थी। जिसके बाद से उन्होंने यंग साइंटिस्ट चैंलेज में हिस्सा लेने का फैसला किया था। वह इस बीमारी का इलाज खोजना चाहती थी। लेकिन इस कोरोना महामारी के दौरान सभी को अपने आगोश में लेता संक्रमण को देख अनामिका के मन में कोरोना से बचाव की दिशा में कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। तब उनका ध्यान इन्फ्लूएंजा से हटकर सार्स-सीओवी-2 संक्रमण पर ध्यान केन्द्रित किया। इसी के साथ अनामिका चेब्रोलु को इनाम राशि के अलावा 3एम की स्पेशल मेंटरशीप भी मिली है। इसके अतिरिक्त चेब्रोलु ने कहा कि मैं अमेरिका के टाॅप युवा वैज्ञानिकों की लिस्ट में शामिल होकर खुश हूं।