लखनऊ: अजीत सिंह की हत्या के आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा के एनकाउंटर मामले में सीजेएम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। गुरुवार को अदालत ने निर्णय सुनाते हुए पुलिसकर्मियों पर हत्या की धाराओं में एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
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अदालत ने सर्वजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए डीसीपी ईस्ट संजीव सुमन, इंस्पेक्टर विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह और संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
जिला न्यायाधीश ने सीजेएम से तलब की थी रिपोर्ट
गौरतलब है कि गिरधारी एनकाउंटर मामले में मौत को लेकर न्यायिक कार्रवाई में अदालत में झूठे तथ्य देने और कमिश्नर डीके ठाकुर, डीसीपी संजीव सुमन, एसीपी प्रवीण मलिक और थानाध्यक्ष विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाली अर्जी दी गई थी। इस पर जिला जज दिनेश कुमार शर्मा ने मामले की सुनवाई के लिए सीजेएम से रिपोर्ट तलब की थी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, सीजेएम 24 फरवरी की शाम तक रिपोर्ट देकर बताएं कि शीर्ष अदालत की गाइडलाइन के अनुसार एनकाउंटर में कौन से हथियार प्रयोग किए गए। घटना की तुरंत रिपोर्ट दर्ज कर अदालत को भेजा गया। क्या आजमगढ़ के वकील सर्वजीत की अर्जी पर रिपोर्ट देने के लिए पुलिस ने बिना कारण दर्शाए एक हफ्ते का समय लिया। अदालत ने कहा कि यह जरूरी हो गया है कि परिवादी की अर्जी में लगाए गए आरोप की चंद्रशेखर सिंह व आरोपियों ने न्यायिक कार्रवाई में झूठे तथ्य दिए हैं कि जांच कराई जाए या नहीं।
क्या कहा था अर्जी में?
इससे पहले परिवादी राकेश विश्वकर्मा के वकील ने अर्जी देकर बताया कि आरोपियों ने जान-बूझकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया। कहा गया कि आरोपी मामले की रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रहे। रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह ने बिना कारण दर्शाए रिपोर्ट देने के लिए सीजेएम से एक हफ्ते के समय की मांग की। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) को गाइडलाइंस के मुताबिक, इस एनकाउंटर की सूचना भी नहीं दी गई। आरोपियों ने झूठे शपथ पत्र भी दिए हैं, लिहाजा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।