फ्रांसिस कोकुत्से। घाना की आंतरिक सुरक्षा में सुधार और सहयोग के लिए भारत की सराहना की गई है। दक्षिण अफ्रीकी देश ने इसे दो देशों के बीच सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा बताया है। भारतीय उच्चायुक्त जीव सागर को विदा करने से पहले यहां फ्लैगस्टॉफ हाउस में शुक्रवार को घाना के उप राष्ट्रपति अमिस्साह आर्थर ने कहा, “घाना और भारत अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। भारत ने घाना को सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग देने पर सहमति जताई है।”
भारत का घाना की राष्ट्रीय रहक्षा और सुरक्षा में सहयोग साल 1960 से है जब घाना के सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए भारत भेजा गया था। इससे कई पुलिस अधिकारियों को भारत में प्रशिक्षण का लाभ मिला था। दोनों देशों के बीच व्यापार भी बीते सालों में बढ़ा है। बीते दो साल में यह 3 बिलियन डालर से बढ़कर 7 बिलियन डालर हो गया है। अमिस्साह ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में मौजूदा विस्तार के बीच घाना, भारत के साथ अपनी दोस्ती को सर्वाधिक महत्व देता रहेगा। उन्होंने कहा कि घाना की स्वतंत्रता से पहले ही भारत ने कई क्षेत्रों में बेहतरीन सहयोग किया। इससे गुटनिरपेक्षता और दूसरे देशों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति की बुनियाद पड़ी।
उप राष्ट्रपति ने कहा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग जीव सागर के कार्यकाल में और गहरा हुआ है। सागर ने कहा कि इसका श्रेय इन दोनों देशों द्वारा लोकतंत्र और कानून के राज में विश्वास को जाता है। सागर ने कहा कि भौगोलिक स्थिति भी दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित नहीं कर सकी। भारत ने कोफी अन्नान आईसीटी सेंटर को दस लाख डॉलर का सहयोग देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत, घाना के निर्यात कार्यक्रम में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है। सागर ने कहा कि भारतीय राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हालिया दौरे से दोनों देशों के रिश्तों को बल मिला है।
(आईएएनएस)