नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने बीते गुरूवार अपने कार्यकाल के अंतिम पूर्ण आम बजट में गरीबों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना ‘आयुष्मान भारत’ की घोषणा की। इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आगामी फसलों के लिए लागत मूल्य की डेढ़ गुना कीमत देने के ऐलान किया। अमेरिका में राष्ट्रपति बराक ओबामा की अनूठी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘ओबामा केयर’ की तर्ज पर केंद्र सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ की महत्वाकांक्षी योजना शुरु करने का संकल्प लिया है।

इसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों के 50 करोड़ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने पर 5 लाख रूपए तक के मुफ्त उपचार का लाभ मिलेगा। इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना कहा जा सकता है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कृषि और किसानों की दशा सुधारने के लिए उन्हें फसल लागत की डेढ़ गुना कीमत देने का ऐलान किया । श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने आगामी खरीफ की फसलों को उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना कीमत पर खरीदने का फैसला किया है। उन्होंने सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
जेटली ने कहा कि आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना कीमत पर खरीदने का फैसला लिया है। किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मिले यह सुनिश्चित करने के लिए बाजार मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अंतर की राशि का वहन सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसी भी विषय के टुकड़ों में नहीं, समग्रता में सुलझाने में भरोसा रखती है। केवल एमएसपी बढ़ा देना पर्याप्त नहीं है। यह अधिक महत्वपूर्ण है कि घोषित एमएसपी का पूरा लाभ किसानों को मिले। उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्यों के साथ मिलकर एक ऐसी व्यवस्था बनाएगा जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाया जा सके।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2018-19 के लिए बजट पेश करते हुए मोदी सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप गरीब, किसान, मजदूर, महिलाओं और अन्य वंचित तबकों का पूरा ख्याल रखने की कोशिश की। श्री जेटली ने वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर के वर्तमान स्लैब में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया लेकिन आयकर योग्य वेतन राशि में 40 हजार रूपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू कर इस तबके को कुछ राहत दी।
वित्तमंत्री ने चुनावों के मद्देनजर लोगों को खुश करने की बजाय लोगों के जीवन को आरामदायक और सुखद बनाने पर जोर दिया। वहीं, नए भारत के निर्माण के संकल्प के अनुरुप आधारभूत ढ़ांचे के विकास तथा लघु एवं मझोले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के उपाय घोषित किए ताकि देश में रोजगार सृजन हो सके। कपड़ा, जूते-चप्पल और चमड़ा क्षेत्र में नए कर्मचारियों को सीधे आर्थिक लाभ पहुंचाते हुए सरकार ने ऐलान किया कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में उनकी ओर से अगले तीन वर्षों के लिए वह 12 फीसदी का अंशदान करेगी। अन्य क्षेत्रों में सरकार का यह योगदान 8.33 फीसदी रहेगा।
महिला कर्मचारियों की ओर से ईपीएफ में किया जाने वाला अंशदान 12 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया जाएगा तथा कामकाजी गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को उनके बजट प्रावधानों के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस बजट में देश की खेती के साथ ही आधारभूत ढ़ांचे के विकास पर पूरा ध्यान दिया गया है। अगर बजट में गरीब और मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने वाली स्वास्थ्य की योजनाएं हैं तो देश के छोटे उद्यमियों की आय बढ़ाने वाली योजनाएं भी हैं।
खाद्य प्रसंस्करण से लेकर फाइबर ऑप्टिक्स तक, सड़क से लेकर जहाजरानी तक, युवा से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, ग्रामीण भारत से लेकर आयुष्मान भारत तक, डिजिटल इंडिया से लेकर स्टार्ट अप इंडिया तक, ये बजट देश के सवा सौ करोड़ लोगों की आशा-अपेक्षाओं को मजबूत करने वाला बजट है। ये देश के विकास को गति देने वाला बजट है।
आम बजट की उद्योग व्यापार जगत सहित समाज के विभिन्न वर्गों ने सराहना की है। उद्योग व्यापार संगठन फिक्की, एसोचैम, सीआईआई ने बजट को आर्थिक वृद्धि को गति देने वाला बताया। उनके अनुसार वित्तमंत्री ने सब्सिडी और कर्जमाफी जैसे खुशामदी उपायों का सहारा नहीं लिया बल्कि देश के समग्र विकास और हर तबके के हितों की चिंता की। यह बजट वास्तव में ‘भारत हितैषी ’ बजट है। बजट प्रावधानों पर स्टॉक मार्केट की प्रतिक्रिया भी अनुकूल रही।
विपक्षी दलों ने आम बजट को चुनावी बताते हुए कहा कि चार वर्ष तक अमीरों और कारपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने वाली मोदी सरकार ने अब गरीबों और आम आदमी को लुभाने का प्रयास किया है। देश का मतदाता इस झांसे में नहीं आएगा।
आम बजट में ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य और सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुफ्त रसोई गैस आवंटित करने की उज्जवला योजना का दायरा बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया। इसके साथ ही गरीबों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने वाली प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ गरीब घरों में निःशुल्क बिजली लगाने की पहल की।
वहीं जेटली ने स्वस्छता अभियान के तहत अगले वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य तय किया। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत अब वरिष्ठ नागरिकों को 15 लाख रुपए तक की राशि पर कम से कम 8 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त करेंगे। बैंकों और पोस्ट ऑफिस में जमा किए गए उनके धन पर 50 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।