लखनऊ। सपा सरकार के विवादित मंत्रियों में से एक गायत्री प्रजापति पर लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा ने भूतत्व एवं खनन विभाग के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और अधिकारियों द्वारा प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस और रिकॉनेसेंस परमिट में कथित अनियमितता के सम्बन्ध दायर परिवाद में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की बात कही है।
बता दें कि गायत्री के खिलाफ शिकायत करने वाली एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने बुधवार को जस्टिस संजय मिश्रा से मिलकर निवेदन किया था कि यह एक संवेदनशील प्रकरण है जिसमें त्वरित कार्रवाई की जरूरत है। शिकायत में कहा गया है कि खनन विभाग ने नियमों को ताक पर रख कर उदयपुर, राजस्थान के एक व्यवसायिक समूह को 03 नवम्बर 2014 को सोनभद्र में मुख्य खनिज चाइना क्ले का कुल 42.30 वर्ग किमी प्रोस्पेसिंग लाइसेंस दिया।
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) एक्ट 1957 में किसी एक व्यक्ति को अधिकतम 25.00 वर्ग किमी क्षेत्र का लाइसेंस ही दिया जा सकता है। यह लाइसेंस 03 ऐसी कंपनियों को दिए गए थे जिनके पते और निदेशक बिलकुल एक हैं। इसी समूह को 01 अक्टूबर 2014 द्वारा चित्रकूट में 595 किमी क्षेत्र में पोटाश आदि खनिजों के लिए रिकोनेयसेन्स परमिट दिया गया।
शिकायत के अनुसार इन कंपनियों द्वारा खनन विभाग द्वारा तैयार अन्वेषण रिपोर्ट को ख़रीदे जाने की शर्त थी, जो लगभग 03 करोड़ रुपये की धनराशि थी, लेकिन खनन विभाग के अफसरों ने मिलीभगत करके इस शुल्क को माफ़ कर दिया था। नूतन ने कहा है कि उनके पास उपलब्ध अभिलेखों से यह सामने आता है कि एक समूह विशेष को गलत तरीके से लाइसेंस दिया गया और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाते हुए उन्हें लाभान्वित किया गया। उन्होंने लोकायुक्त से इसकी जांच कराये जाने की अपली की है।