नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह कहा हुआ था। आज हम आपको यहीं बताने वाले है कि शिव ने माता पार्वती से कहा विवाह किया था। शिव ने माता पार्वती से रुद्रप्रयाग में स्थित ‘त्रियुगी नारायण’ में विवाह किया था जो कि एक पवित्र स्थल है।
माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था। इस जगह पर आज भी हर साल देश भर से लोग संतान प्राप्ति के लिए इकट्ठा होते हैं और हर साल सितंबर महीने में बावन द्वादशी के दिन यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है।
प्रज्वलित है विवाह मंडप की अग्नि
मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर से आगे गौरी कुंड कहे जाने वाले स्थान माता पार्वती ने तपस्या की थी जिसके बाद भगवान शिव ने इसी मंदिर में मां से विवाह किया था। कहते हैं कि उस हवन कुंड में आज भी वही अग्नि जल रही है।
देशभर से आते हैं लोग…
संतान प्राप्ति के लिए इस अग्नि का आशीर्वाद लेने के लिए देश के हर हिस्से से लोग आते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान केदारनाथ की यात्रा से पहले यहां दर्शन करने से ही प्रभु प्रसन्न होते हैं।
तो अगर आपने भी कभी त्रियुगी नारायण मंदिर नहीं देखा है तो जरुर देखें