लखनऊ: मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट से जुड़े मामला अदालत में था। इस मामले की अपील रामपुर सांसद आजम खान ने की थी, जिसे अदालत तरफ से खारिज कर दिया गया है। अदालत ने इस गेट को सरकारी भूमि माना है और तोड़ने के आदेश दे दिए हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ा मामला अदालत के समीप गया था। जहां एसडीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सांसद ने जिला जज अदालत में अर्जी डाली थी। इसे सोमवार को खारिज कर दिया गया, अदालत की तरफ से कहा गया कि उप जिलाधिकारी द्वारा दिया गया आदेश सही है। जौहर यूनिवर्सिटी का गेट सरकारी संपत्ति माना जाएगा और इसे तोड़ने के आदेश भी दे दिए गए हैं।
दरअसल पूरा मामला यूनिवर्सिटी गेट और पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई सड़क से जुड़ा हुआ था। यह आरोप लगाया जा रहा था कि यूनिवर्सिटी का गेट बनाकर सड़क को बंद किया जा रहा है। बीते दिनों पीडब्ल्यूडी के द्वारा ₹13 करोड़ खर्च करके सड़क बनाई गई थी। इसी मामले में अब जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने का आदेश दे दिया गया है।