नई दिल्ली। केंद्रीय जलसंसाधन और परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि बिहार के पटना और भागलपुर सहित देश के 10 शहर ऐसे हैं जो गंगा नदी को 70 फीसदी तक प्रदूषित कर रहे हैं। गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2020 तक 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर गंगा शुद्धिकरण व अविरल की योजना तैयार की है, जिसका असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि गंंगा को मार्च 2019 तक 70 से 80 फीसदी तक स्वच्छ कर लिया जाएगा और 2019 के अंत तक गंगा की धारा पूर्णता शुद्ध हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि गंगा के शुद्धिकरण के लिए बिहार का साथ लिया जाएगा। गडकरी ने बताया कि नमामि गंगे के तहत 282 छोटे-बड़े प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, जिनमे से 24 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। हालांकि इनमे बिहार का एक भी नहीं है। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने माना की नमामि गंगे 100 फीसदी केंद्र की योजना है, लेकिन राज्य सरकारों के लापरवाही के चलते योजना देर से शुरू हो पाई।
हालांकि अब उनके सहयोग से परियोजनाओं को जल्द-से-जल्द पूरा कर लिया जायेगा और साल 2018 में नमामि गंगे की परियोजनाओं से बड़ा बदलाव दिखेगा।
गडकरी ने बताया कि नमामि गंगे के तहत बिहार में 19 प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। इनमें 538 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जाने हैं। इनमें 10 पर काम शुरू हो गया है, जबकि चार सुल्तानगंज, मोकामा, बाढ़ और नवगछिया के एसटीपी का टेंडर फाइनल हो गया है। जिन छह प्रोजेक्ट का टेंडर होना बाकी है, उनमें दीघा और कंकड़बाग का एसटीपी-सीवरेज सिस्टम, जबकि भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय व हाजीपुर का एसटीपी व सीवर नेटवर्क शामिल है।केंद्रीय स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा नदी के किनारे गांवों को भी स्वच्छ करने का अभियान चलाया गया।