लगातार प्रदूषित हो रही गंगा नदी की सफाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब गंगा नदी को गंदा करने वालों के लिए नदी को गंदा करने वालों के लिए अब केंद्र सरकार सख्त हो गई है। अब जो भी गंगा नदी को गंदा करने की कोशिश करेगा उसे सात साल की जेल और 100 करोड़ रुपए का भारी जुर्माना भरना होगा। सरकार ने इसके लिए एक पैनल का गठन किया है। जिसके तहत गंगा नदी को गंदा और बिना अनुमति की धारा को रोकना शामिल होगा।
प्रस्ताव के मुताबिक इस फैसले का उल्लंघन करने वाले को 7 साल की कैद और 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। केंद्र सरकार गंगा नदीं को स्वच्छ करने के लिए मसौदे तैयार कर रही है। वही उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा नदी को जीवित मानव घोषित किया जा चुका है। वही गंगा और यमुना दोनों ही नदियां को पौराणिक और पवित्र नदियों का दर्जा दिया गया है। वही अगर यह मसौदा कानून बन जाता है तो यह पहला मौका होगा जब किसी नदी पर कानून बनाया गया है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा नदी को जीवित व्यक्ति होने का दर्जा दिया हुआ है। वही गंगा नदी से जुड़ी हुई नदियों के एक किलोमीटर तक के एरिये में नदियों को जल संरक्षित जोन होने का सुझाव सेवानिवृत्त जस्टिस गिरधर मालवीय ने दिया है। वही बिल सूत्रों के अनुसार जिस राज्य में गंगा या उसकी सहायक नदियां बहती है, केंद्र सरकार वहां की राज्य सरकार से इस बारे में बात भी करना चाहती है।