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जी-20 को करना होगा विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था की चुनौतियों का सामना: जेटली

arun jaitely

नई दिल्ली। जी-20 रूपरेखा कार्य समूह (एफडब्‍ल्‍यूजी) के सह-अध्‍यक्ष के रूप में भारत ने ‘विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था और विकास रूप-रेखा’ पर दूसरे दौर के सत्र के दौरान प्रमुख हस्‍तक्षेप किया था। इस दौर में ‘मजबूत, टिकाऊ और संतुलित विकास’ (एसएसबीजी) पर आईएमएफ जी-20 रिपोर्ट पर चर्चा की गई थी। वित्‍त मंत्री जेटली ने कहा कि यह रिपोर्ट विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था के सामने मौजूद चुनौतियों को समझने और उनके लिए जी-20 की कारगर प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए उपयोगी सामग्री प्रदान करती है। वित्‍तमंत्री ने कहा कि सदस्‍य देशों की घरेलू नीतिगत गतिविधियों के वैश्‍विक प्रभावों को समझना बहुत आवश्‍यक है। इसके संबंध में खासतौर से कारोबारी और वित्‍तीय नियमों को ध्‍यान में रखना होगा।

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बता दें कि आईएमएफ एसएसबीजी रिपोर्ट को संभावित विश्‍लेषक उपायों की परख के लिए इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए ताकि उनके द्वारा नीति प्रभावों को समझा जा सके। उन्‍होंने कहा कि इसे संभव बनाने के लिए सदस्‍यों को विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराई जानी चाहिए। हर देश की नीति को स्‍पष्‍ट रूप से पेश किया जाए और प्रमुख चुनौतियों के संबंध में उपयुक्‍त कार्रवाई को आपस में साझा किया जाए। ऐसा करने से चुनौतियों को बेहतर तरीके से समझने में सहायता होगी, जो सभी सदस्‍यों के लिए लाभप्रद है।

वहीं अफ्रीका के साथ संबद्धता पर जी-20 सत्र के दौरान विभिन्‍न विषयों तथा अफ्रीका सलाहकार समूह के कार्यों की प्रगति का जायजा लिया गया। अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय संरचना सत्र में पूंजी प्रवाह की निगरानी, विश्‍व वित्‍तीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने और संरचना निवेश के लिए वित्‍त पोषण के संबंध में एमडीबी की क्षमता बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली इस समय अमेरिका के एक हफ्ते के दौरे पर हैं, जहां उन्‍हें अन्‍य संस्‍थानों सहित विश्‍व बैंक और अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों में शामिल होना है।

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