नई दिल्ली। मौजूदा दौर में इंसान की उम्र 100 तक होती है, लेकिन आज की भागदौड़ और बीमारियों से ग्रस्त शरीर 80 साल की उम्र को पार कर पाने में भी असमर्थ, लेकिन अगर हम कहे ही कि भविष्य में इंसान का जीवन 140 साल का हो जाएगा तो शायद आप विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन ये बात सच है। दरअसल एक शोध में सामने आया है कि आने वाले दशकों में इंसान का जीवन 140 साल का हो जाएगा। शोधकर्ताओं की माने तो इसका कारण है चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे लगातार बदलाव। शोधकर्ताओं का तो यहां तक कहना है किु आने वाले सालों में अस्पतालों का इस्तेमाल लोग सिर्फ आकस्मित दुर्घटना के लिए ही करेंगे। बता दें कि पिछले दिनों विश्व आर्थिक मंच की सालना बैठक में भाग लेने गए कई विशेषज्ञों ने इस बात का खुलासा किया।
उन्होंने यहां एक परिचर्चा में बताया कि प्रौद्योगिकी के इस उभरते परिदृश्य में अस्पतालों की भूमिका इमजेंसी रूम तक ही रह जाएगी। माइक्रोसाफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने भी दावा किया है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी आधारित चौथी औद्योगिक क्रांति चिकित्सा क्षेत्र को इस कदर बदल देगी कि कृत्रिम ज्ञान की प्रौद्योगिकी और डाटा से लैस चिकित्सा वैज्ञानिक रोग के तत्काल सर्वोत्तम निदान को ढूंढ़ने में बड़े-बड़े दिग्गजों को पीछे छोड़ देंगे। अस्पतालों का प्रबंध भी डिजिटल प्रौद्योगिकी पर आधारित हो जाएगा, जिसके चलते मेडिकल रिकॉर्ड तुरंत के तुरंत उपलब्ध हो सकेंगे।
इन विशेषज्ञों ने अपने बयान में कहा है कि कुछ ही दशकों में लोग 140 वर्ष तक जी सकेंगे। अस्पताल आपात चिकित्सा कक्ष भर ही रह जाएंगे, क्योंकि लोग अपनी बीमारी का प्रबंध भी खुद करने लगेंगे। नोकिया कारपोरेशन के अध्यक्ष और सीईओ राजीव सूरी ने बताया कि वास्तव में पुरानी बीमारियां ही दुनिया में मौत का प्रमुख कारण हैं। इनके कारण हुई मौतों की संख्या कुल मौतों के 60 फीसद से अधिक होती है, फिर भी इनमें से अधिकांश बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है तथा कई सटीक और शीघ्र निदान के साथ इन पर काबू पाया जा सकता है।