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कश्मीर मामले में नेहरू से आज तक भारत ने गलती की: महबूबा

mahbooba mufti कश्मीर मामले में नेहरू से आज तक भारत ने गलती की: महबूबा

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के केंद्रीय नेतृत्व को जम्मू एवं कश्मीर में गड़बड़ी के लिए दोषी ठहराया। उन्होंने भारत और पाकिस्तान को संवाद के लिए हाथ मिलाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि टकराव नहीं बल्कि संवाद समस्या के समाधान के लिए जरूरी है। महबूबा ने कहा उनके राज्य के लोग पिछले पांच सप्ताह से कश्मीर घाटी को हिलाकर रखने वाली उथल-पुथल के लिए दोषी नहीं हैं। श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “न तो हमारा देश भारत बुरा है। एक या दूसरी, जवाहर लाल नेहरू के समय से आज तक गलतियां हमारे नेतृत्व की वजह से होती रही हैं। गलतियां इन्हीं की हैं। ”

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकतंत्र को जम्मू एवं कश्मीर में सिर्फ चुनावी राजनीति तक सीमित कर दिया है। राज्य की समस्याओं के निपटारे पर जोर देते हुए उन्होंने पूछा, “संवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा हिस्सा है। हमने कई मुद्दों का समाधान किया है, लेकिन हम यहां संवाद प्रक्रिया को आगे ले जाने में नाकामयाब क्यों हैं?”

साल 1987 के चुनावों में धांधली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय उम्मीदवार, जिनमें हिजबुल मुजाहिदीन का सैयद सलाहुद्दीन भी शामिल है और जो अब अलगाववादी नेता बन चुका है, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का विकल्प खोज रहे थे लेकिन उन्हें ‘इसकी अनुमति नहीं मिली।’

महबूबा का यह स्वतंत्रता दिवस भाषण, नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के विपरीत रहा। महबूबा की पीडीपी और मोदी की भाजपा की राज्य में गठबंधन सरकार है। मोदी अपने भाषण में पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने को लेकर जमकर बरसे और खुले तौर पर बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की स्वतंत्रता का समर्थन किया। जबकि, उनकी सहयोगी महबूबा ने दोनों देशों से साथ आने और कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए बात करने का आग्रह किया। महबूबा ने कहा, “बहुत ज्यादा खून झेलम नदी में बह चुका है। इसमें अब और रक्तपात सहन करने की क्षमता नहीं है।”

मुख्यमंत्री ने लोगों से हिंसा की निंदा करने का आग्रह किया और कहा, “यदि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपना समाधान नहीं पा सकते, तो यह हमें कहीं नहीं मिल सकेगा। हमें उम्मीद है कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय प्रयास में जो कमी रह गई थी, उसे अब नरेंद्र मोदी के तहत पूरा किया जाएगा। “

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