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राष्ट्रहित से बढ़कर नहीं है अभिव्यक्ति की आजादीः किरन रिजिजू

kiran rijau राष्ट्रहित से बढ़कर नहीं है अभिव्यक्ति की आजादीः किरन रिजिजू

नई दिल्ली। हाल के दिनों में दक्षिणपंक्षी व वामपंथी विचारधारा के बीच चल रही खींचतान पर केंद्रीय गृहमंत्री किरन रिजिजू ने कहा है कि वंशवादी पार्टियां कृपया दूर रहें। यह राष्ट्रवादी व दूर-वामपंथी विचारधारा की लड़ाई है। जनता तय करेगी कि एक सशक्त भारत के निर्माण के लिए कौन उपयुक्त है।

kiran rijau राष्ट्रहित से बढ़कर नहीं है अभिव्यक्ति की आजादीः किरन रिजिजू

रिजिजू ने अपने ट्वीटर हैंडल पर उक्त टिप्पणी करते हुए एक तथ्य का भी जिक्र किया। जिसमें कहा गया कि कुछ अंग्रेजों और मुट्ठीभर ठगों ने भारतीय शासकों को पराजित इसलिए नहीं किया कि भारतीय कमजोर थे। बल्कि भारतीय शासकों पर उनको जीत इस वजह से हासिल हुई क्योंकि यहां हर समय एक जयचंद मौजूद था। केंद्रीय मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि किसी को भी राष्ट्रवाद को परिभाषित करने का पूरा अधिकार नहीं है, लेकिन जो भी अफजल गुरु और आतंकियों को समर्थन देकर भारत को तोड़ना चाहेगा वह राष्ट्रद्रोही ही होगा।

अभिव्यक्ति की आजादी पर दिया जबाब- केंद्रीय गृहमंत्री किरन रिजिज ने कहा है कि इस देश में सभी को अपने आपको व्यक्त करने की स्वतंत्रता है लेकिन किसी की भी स्वतंत्रता देश की संप्रभुता से बढ़ कर नहीं है, अभिव्यक्ति की आजादी का एक दायरा है, किसी की भी बोलने की आजादी राष्ट्रहित से बढ़कर नहीं हो सकती है अगर अगर ऐसा होता है कि तो वह राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आएगी।

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