नई दिल्ली। प्रदेश में सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से एक खबर वायरल होने की सरकार ने जांच शुरू करवा दी है। इस फर्जी खबर में कहा गया है कि सीएम ने धर्म बदलने वाले आदिवासियाें, ईसाईयों का जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश दिया है। अब ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। डीजीपी डीएम अवस्थी ने मीडिया से कहा कि सरकार से निर्देश मिलने के बाद उन्होंने इस प्रकरण की जांच करने को रायपुर रेंज के आईजी से कहा है। जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही इस खबर से आदिवासी व ईसाई समुदाय में हड़कंप है। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़, बिहार, रांची झारखंड में धर्मांतरण करने वाले आदिवासियों को जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। अब अनुसूचित जनजाति (एसटी) को केवल खतियान के आधार पर ही जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। पहले आवेदक की जांच की जाएगी।
उसके रीति-रिवाज, विवाह और उत्तराधिकार की प्रथा की जांच के बाद ही जाति प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। वास्तविक अनुसूचित जनजातियों में से रीति-रिवाज, विवाह और उत्तराधिकार की प्रथा का पालन करने वाले को ही जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेने योग्य माना जाएगा। ऐसे आदिवासी, जिन्होंने धर्म परिवर्तन कर ईसाई या अन्य धर्म अपना लिया है, उन्हें जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा। यही नहीं, जिन्हें पूर्व में जाति प्रमाण पत्र दिया जा चुका है, जांच के बाद उसे निरस्त भी किया जाएगा।