featured Breaking News देश भारत खबर विशेष यूपी राज्य

हाशिमपुरा कांड में दोषी करार दिए गए 16 में से 4 पीएसी के जवानों ने तीस हजारी कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

हाशिमपुरा कांड में दोषी करार दिए गए 16 में से 4 पीएसी के जवानों ने तीस हजारी कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

मेरठ के बहुचर्चित हाशिमपुरा कांड में दोषी करार दिए गए 16 में से 4 पीएसी के जवानों ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है।वहीं कोर्ट ने अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।गौरतलब है कि अदालत के निर्देशानुसार मेरठ के हाशिमपुरा कांड में दोषी करार दिए गए पीएसी के 16 जवानों को सरेंडर करने के लिए दिया गया वक्त आज पूरा हो गया है। कोर्ट ने आज यानी कि गुरुवार तक का वक्त सभी 16 दोषी जवानों को अदालत में सरेंडर कर करने के लिए दिया था।लेकिन दोषी पाए गए 16 में से जवानों में चार जवानों ने ही आज दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर किया है।

 

हाशिमपुरा कांड में दोषी करार दिए गए 16 में से 4 पीएसी के जवानों ने तीस हजारी कोर्ट में किया आत्मसमर्पण
हाशिमपुरा कांड में दोषी करार दिए गए 16 में से 4 पीएसी के जवानों ने तीस हजारी कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

इसे भी पढ़ेःमेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय में धर्मांतरण का एक बड़ा आयोजन, हजारों हिंदू बने बौद्ध

आपको बता दें कि मामले में 31 अक्तूबर को फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएसी के 16 जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मालूम हो कि दोषी पाए गए 16 जवानों में से एक जवान की चार महीने पहले मौत हो गई है। इसके बाद 15 जवानों को सरेंडर करने के लिए 22 नवंबर तक का वक्त कोर्ट ने दिया था।मान जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिन जवानों ने गुरुवार तक सरेंडर नहीं किया। उनकी गिरफ्तारी अब कभी भी हो सकती है।वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में दोषी पाए गए पीएसी जवानों ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। खबर है कि जवानों द्वारा इसी महिने के अंत तक याचिका दायर की जा सकती है।

  सर्च  ऑपरेशन के नाम पर 43 लोगों की हत्या !

बता दें कि पूरा मामला 22 मई 1987 को मेरठ के हाशिमपुरा में हुई एक व्यक्ति की हत्या से जुड़ा है।हत्या के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि पीएसी को सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ा। इस ऑपरेशन के नाम पर पीएसी जवानों पर 43 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।कहा जाता है कि जवानों लोंगों को मारकर मुरादनगर गंगनहर में फेंक दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने 43 लोंगों की मौत के आरोप खारिज करते हुए 38 लोगों की हत्या मानी है।

SC ने 2002 में केस  को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर किया

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केस को 2002 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर किया गया। साल 2006 में आरोप हुई सुनवाई में आरोप तय किए गये थे। अभियोजन पक्ष की ओर से 91 लोगों की गवाही हुई। फैसले में एडिशनल सेशन जज संजय जिंदल ने कहा कि यह बहुत तकलीफ देह है कि कुछ निर्दोष लोगों को इतनी यंत्रणा झेलनी पड़ी और एक सरकारी एजेंसी ने उनकी जान ली।

इसे भी पढ़ेःदिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को मिली जमानत

78 वर्षीय गवाह रणबीर सिंह बिश्नोई की डायरी

पीएसी के जवानों ने इस कांड को अंजाम दिया था।इस कांड में 78 वर्षीय गवाह रणबीर सिंह बिश्नोई ने एक केस डायरी सौंपी थी। इस केस डायरी में कथित रूप से शामिल सभी पीएसी के जवानों के नाम शामिल हैं। डायरी में 1987 में मेरठ पुलिस लाइंस में तैनात पीएसी कर्मियों के नाम दिए गए हैं।

महेश कुमार यादव

Related posts

राजधानी भोपाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार हो रहा इजाफा, IPC की गंभीर श्रेणियों के मुकदमों का बढ़ा ग्राफ

Trinath Mishra

Threat To CM Yogi: सीएम योगी को मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस डायल 112 के व्हाट्सएप नंबर पर आया मैसेज

Nitin Gupta

सीएम रावत ने एसडीआरएफ द्वारा सयुंक्त रूप से आयोजित पर्वतारोहण अभियान दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

Rani Naqvi