10 दिसंबर को होगा नए संसद भवन का शिलान्यास, पीएम मोदी करेंगे भूमि पूजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन का शिलान्यास करने वाले हैं. ये जानकारी शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी. ओम बिरला ने बताया कि इसका निर्माण कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है. देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद का सत्र नए भवन में आहूत किया जाएगा.
यह सौभाग्य व गर्व का अवसर है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi 10 दिसंबर को संसद के नए भवन का भूमि पूजन करेंगे। इसका निर्माण कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद का सत्र नए भवन में आहूत किया जाएगा। #NewParliament pic.twitter.com/XFIeCflYHd
— Om Birla (@ombirlakota) December 5, 2020
कैसा होगा नया संसद भवन ?
-नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा. संसद के नए परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ-साथ भीमराव अंबेडकर की लगभग पांच प्रतिमाएं होंगी.
-संसद की नयी इमारत भूकंप रोधी क्षमता वाली होगी.
-नए संसद भवन में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे.
-नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे
-सभी कार्यालय आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त होंगे.
-ये कागज रहित कार्यालय’ बनाने की दिशा में कदम होगा.
-नए संसद भवन में एक विशाल संविधान कक्ष होगा.
-सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा.
-सांसदों के लिये पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र होगा.
-970 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले चार मंजिल के संसद भवन का कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 64,500 वर्ग मीटर है. ये वर्तमान भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक है.
-भवन में लोक सभा कक्ष भूतल में होगा, जिसमें 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी. राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी. संयुक्त बैठकों के दौरान, कक्ष में 1272 सदस्य बैठ सकेंगे.
-नए भवन के निर्माण के बाद भी पुराने भवन का उपयोग जारी रहेगा. दोनों भवन एक-दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करेंगे. पूरे निर्माण कार्य में मौजूदा भवन की ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा.
-भवन के निर्माण के उपरांत यह भी प्रयास किया जा रहा है कि मूल संसद भवन की visibility में कोई अधिक अंतर न आये. संसद परिसर में स्थित सभी प्रतिमाओं को भी गरिमा एवं प्रतिष्ठा के साथ पुनः स्थापित किया जायेगा.
-संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा.
ओम बिरला ने कहा-
लोकतंत्र का वर्तमान मंदिर अपने 100 साल पूरे कर रहा है. यह देशवासियों के लिये गर्व का विषय होगा कि नए भवन का निर्माण हमारे अपने लोगों द्वारा किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख उदाहरण होगा. बिरला ने कहा कि नए भवन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी. आशा है कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा.
नए भवन के निर्माण की आधारशिला संबंधी कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा. कुछ लोग मौके पर मौजूद होंगे तथा अन्य लोग डिजिटल माध्यम शामिल होंगे.