दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता को पाक खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में दोषी करार दिया है। माधुरी पर आरोप है कि वह पाकिसातन के लिए जासूसी करती थीं, उनके खिलाफ 2010 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट ने माधुरी को उनकी गिरफ्तारी के लगभग 10 साल बाद दोषी ठहराया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने शासकीय गोपनीयता अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश के लिए माधुरी गुप्ता को दोषी ठहराया। कोर्ट इस मामले में माधुरी को 19 मई को सजा सुना सकती है।
2010 में माधुरी के खिलाफ दायर आरोप पत्र के अनुसार माधुरी ने कुछ गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान के अधिकारियों को मुहैया कराईं हैं, और वह दो आईएसआई अधिकारियों मुबशर रजा राणा और जमशेद के संपर्क में थीं। आरपपत्र के मुताबिक माधुरी का जमशेद के साथ रिश्ता था, और वह बहुत जल्द उससे शादी भी करने वाली थी। आरोपपत्र में कहा गया था कि वह इस्लामाबाद के अपने आवास पर लगे एक कंप्यूटर और ब्लैकबेरी फोन के जरिये दोनों पाकिस्तानी जासूसों से संपर्क में रहती थीं। हालांकि माधुरी गुप्ता का दावा है कि वह निर्दोष हैं।
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इससे पहले पुलिस की पूछताछ में माधुरी गुप्ता ने कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। माधुरी ने बताया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत की सुरक्षा से संबंधित गुप्त जानकारी हासिल करना चाहती है और वह भारत और पाकिस्तान की हर गतिविधी पर नजर रखती है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में माधुरी ने कबूल किया था कि आईएसआई एजेंट भारत-पाक वार्ता से जुड़ी जानकारी पूछा करता था। उन्होंने बताया था कि भारत-पाक वार्ता के भारतीय एजेंडे में एजेंट की खास दिलचस्पी थी।
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माधुरी गुप्ता ने कबूल किया था कि उनके द्वारा कई अहम जानकारियां आईएसआई के हाथ लगीं। माधुरी गुप्ता ने बताया था कि उनके सीनियर अधिकारी उनका अपमान करते थे और मजाक उड़ाते थे, इसी का फायदा उठाते हुए आईएसआई एजेंट राणा ने उससे नजदीकी बनानी शुरू की और प्यार का इजहार कर दिया।