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यूपी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का 92 साल की उम्र में निधन

नई दिल्ली:यूपी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि वो पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। खराब तबियत की वजह से पिछले दिनों उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती भी किया गया था।

 

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जाने तिवारी का सियासी सफर

 

आपको बता दें कि एनडी तिवारी पहली बार 1952 में विधायक बने। सन 1965 में वह कांग्रेस के टिकट पर काशीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए और पहली बार मंत्रिपरिषद में उन्हें जगह मिली। कांग्रेस के साथ उनकी पारी कई साल चली। 1968 में जवाहरलाल नेहरू युवा केंद्र की स्थापना के पीछे उनका बड़ा योगदान था। 1969 से 1971 तक वे कांग्रेस की युवा संगठन के अध्यक्ष रहे। एक जनवरी 1976 को वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। यह कार्यकाल बेहद संक्षिप्त था। 1977 के जयप्रकाश आंदोलन की वजह से 30 अप्रैल को उनकी सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।

 

तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वह अकेले राजनेता हैं जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद वे उत्तरांचल के भी मुख्यमंत्री बने। तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए लेकिन यहां सीडी कांड के बाद उन्हें पद से हटना पड़ा। उसके उपरांत तिवारी उत्तरप्रदेश में अखिलेश सरकार के मेहमान के रूप में रहे। तिवारी 5 बार विधायक रहे और तीन बार यूपी के सीएम की कुर्सी पर कब्जा किया। 1980 में तिवारी पहली बार लोकसभा पहुंचे और इंदिरा गांधी ने उन्हें योजना मंत्री बनाया बाद में एनडी तिवारी ने वित्त, विदेश जैसे कई बड़े मंत्रालय भी संभाले।

 

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ऐसा कहा जाता है कि खांटी कांग्रेसी एनडी तिवारी, राजीव गांधी की मौत के बाद प्रधानमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन वो चुनाव हार गए और सत्ता की सबसे बड़ी कुर्सी के इतने करीब होने के बावजूद उसे पा ना सके और यही वजह थी कि तिवारी कांग्रेस से अलग हो गए थे लेकिन बाद में सोनिया गांधी के आने के बाद फिर से कांग्रेस में वापस आ गए।

 

उसके बाद साल 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ, साल 2002 में ही उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बन एनडी तिवारी ने इतिहास रच दिया और दो राज्यों के मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते राजनेता बन गए। इतना ही नहीं साल 2007 में एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी बने।

 

इतना बड़ा सियासी सफर होने के साथ ही एनडी तिवारी का विवादों से चोली दामन का साथ रहा। साल 2009 में एनडी तिवारी सेक्स स्कैंडल में फंस गए, एक तेलगू चैनल ने तीन लड़कियों के साथ उनकी तस्वीर दिखाई, जिसके बाद उन्हें राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ा। तब बीजेपी ने एनडी तिवारी पर जमकर हमला बोला था लेकिन अमित शाह के साथ आई एक तस्वीर ने चाल, चरित्र और चेहरा सब बदल दिया था।

 

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By: Ritu Raj

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