चण्डीगढ़ : सरकार एक तरफ माफियों के सफाए के लिए अभियान चला रही है बावजूद इसके अपराध कम होने का नाम नही ले रहा है। ताजा मामला पंजाब का है जहां वन अधिकारियों पर लगातार हमले हो रहे है जिसको लेकर पंजाब सरकार ने बड़ी पहल की है। पहल करते हुए सरकार ने कर्मचारियों को हथियारबंद करने की योजना बनाई है। वहीं सरकार का कहना है कि जल्द ही इस संबंध में नई नीति तैयार की जाएगी और मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी।
पंजाब के वन मंत्री ने दिया बयान
वहीं इस मामले में पंजाब के वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत का कहना है कि गांव स्यूंक में घटी घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इस घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि रेत और लकड़ी माफियों ने वन कर्मचारियों पर हमला किया था। जिसके बाद इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी गई है और साथ ही भविष्य में विभागीय कर्मचारियों को हथियारों से लैस किया जाएगा। उन्होंने वन विभाग के उच्च अधिकारियों को नई नीति जल्द तैयार करने के आदेश दिए है। इसके अलावा वन मंत्री धर्मसोत ने कहा कि गांव स्यूंक की घटना में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50 -50 हज़ार रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 21 -21 हज़ार रुपये की मदद दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाएगा।
घटना को अंजाम देने वाले आरोपी गिरफ्तार
वन मंत्री धर्मसोत ने बताया कि पंजाब पुलिस ने वन गार्ड रविंदर सिंह के बयानों के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल किया गया ट्रैक्टर व ट्राली और आई-20 कार भी बरामद किया गया है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि वन विभाग के कर्मचारियों के साथ एसएएस नगर के गाँव शियूंक-शिंगारीवाला सड़क मार्ग पर 19 जून को रात 10:30 बजे लगाए नाके के दौरान कुछ व्यक्तियों द्वारा उन पर हमला किया गया था। जिस दौरान कुछ कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।