नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने देश के कुछ अति प्राचिन स्थलों के साथ ही सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों पर विदेश पर्यटकों के जाने की अनुमति देने पर विचार-विमर्श कर रही है। हालांकि ये अनुमति पाकिस्तान और चीन के नागरिकों को नहीं मिलेगी। दरअसल गृह मंत्रालय देश में छह दशको से लागू प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने की अनुमति व्यवस्था में बदलाव करने की सोच रहा है। मंत्रालय इसके जरिए फिलहाल विदेशी विशेष अनुमति लेकर ही अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में जा सकते हैं।
इस फैसले को लेकर गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि राज्य सरकारों से विचार-विमर्श के बाद विदेशी लोगों को प्रतिबंधित इलाकों में जाने की छुट दी जा सकती है। गृह मंत्रालय सुरक्षा एजेंसियों की और राज्य सरकार के साथ तालमेल बनाकर ऐसे इलाकों की पहचान कर रहा है, जहां पर मामूली कागजी खानापूर्ति के बाद विदेशी लोगों को जाने दिया जाए। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान और चीन के नागरिकों के प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने से पहले की ही तरह रोक रहेगी। केंद्र सरकार ये कदम पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठा रही है, ताकि स्थानीय लोगो के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो सके।
विदेशी संरक्षित क्षेत्र आदेश, 1958 के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में विदेशियों के जाने पर रोक है। संरक्षित क्षेत्र में पूरा अरणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम आते हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू–कश्मीर के कुछ इलाके विदेशियों के लिए प्रतिबंधित हैं। 30 दिसंबर, 2010 को जारी आदेश में केंद्र सरकार ने मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड को एक साल के लिए प्रतिबंधित क्षेत्रों की सूची से हटाया था। आवश्यकता और परिस्थितियों को देखकर केंद्र सरकार विदेशियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने के लिए विशेषष अनुमति भी देती है। लेकिन अफगानिस्तान, पाकिस्तान और चीन के नागरिकों को ऐसी अनुमति दिए जाने पर रोक है।