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बेहतर सेवाओं के लिए दिल्ली पुलिस के 15 पुलिसकर्मी हुए सम्मानित

delhi police बेहतर सेवाओं के लिए दिल्ली पुलिस के 15 पुलिसकर्मी हुए सम्मानित

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की संध्या पर दिल्ली पुलिस के 15 पुलिस अधिकारियों व सिपाहियों को बहादुरी, विशिष्ट और सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा ।

delhi police बेहतर सेवाओं के लिए दिल्ली पुलिस के 15 पुलिसकर्मी हुए सम्मानित
इनमें निरीक्षक शिव कुमार, चन्द्र वीर सिंह व कांस्टेबल रवि दत्त को बहादुरी के लिए, सहायक आयुक्त पुलिस कांता प्रसाद कुकरेती व महिला सहायक उप-निरीक्षक मधु बाला को विशिष्ट सेवाओं के लिए तथा उप-निरीक्षक हरबीर सिंह, उप-उच्च निरीक्षक खजान सिंह, नीरू अग्रवाल, स.उ. पुष्पा कुमारी, प्रधान सिपाही जयभगवान, स.उ. हर प्रसाद, महिला हेडकांस्टेबल रजनी लाकड़ा, महिला प्रधान सिपाही सुनीता, सिपाही कृष्ण कुमार गौड व हेडकांस्टेबल राज पाल को सराहनीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा। निरीक्षक शिव कुमार, चन्द्र वीर सिंह सिपाही रवि दत्त बहादुरी के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किए जायेंगे।

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वहीं निरीक्षक शिव कुमार स. उ.नि. चन्द्र वीर सिंह तथा सिपाही रवि दत्त स्पेशल सेल के इन तीनों जांबाज पुलिस अफसरों को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा। यह सम्मान उनको डयूटी के दौरान बहादुरी तथा कर्तव्यपरायणता का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए दिया जा रहा है।

जान की बाजी लगाकर बदमाशों को पकड़ा:-

इन जांबाज अफसरों ने दिल्ली व उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश फिरोज उर्फ फोजी पुत्र इरशाद, निवासी डाबर का तालाब, बंगाली पीर, लोनी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश को मुठभेड़ में मार गिराया था। ये बदमाश दिल्ली पुलिस के सिपाही शिवराज तोमर की हत्या के दोषी थे। इसके अलावा यह बदमाश अन्य 23 मामलों जैसे कि हत्या, लूटपाट, अपहरण, पुलिस पर हमला आदि में भी संलिप्त थे। 19 अगस्त, 2014 को सूचना मिली की फिरोज उर्फ फौजी अपने साथी से सोनिया विहार पुस्ता पर किसी से मिलने आएगा। योजनानुसार पुलिस टीम ने जाल बिछाया। सुबह पांच बजे फिरोज मोटरसाइकिल से पुश्ता रोड पर आया तो पुलिस टीम ने उसे समपर्ण करने के लिए कहा।

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अपने आपको घिरा देखकर फिरोज ने अपनी पिस्टल निकाली और दो बार पुलिस टीम पर फायर किया। एक गोली निरीक्षक शिव कुमार की बुलेट-प्रूफ जैकेट में लगी तथा दूसरी गोली पुलिस जिप्सी में लगी। पुलिस बल ने भी अपने बचाव में गोली चलाई जो कि अपराधी को जा लगी। घायल अवस्था में बदमाश को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

सराहनीय सेवाओं हेतु पुलिस पदक:-

-उप-उच्च निरीक्षक (कार्यकारी) हरबीर सिंह पहली सितम्बर, 1986 को दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही के पद पर भर्ती हुए। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्होंनें प्रथम वाहिनी, मध्य जिला, क्राइम ब्रान्च तथा स्पेशल सेल में काम किया। हरबीर को विभिन्न सेवाओं के लिए बारी—बारी तरक्की देकर प्रोत्साहित व सम्मानित किया गया। हरबीर ने विभिन्न आतंकवादी संगठनों के 80 से ज्यादा आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। 60-65 बम ब्लास्ट मामलों में अपराधियों की धर पकड़ में शामिल रहे। हरबीर पदोन्नति पाते हुए एसएसआई के पद पर पदोन्नत हुए।

-महिला सहायक-उच्च निरीक्षक पुष्पा कुमारी वर्ष 1987 में बतौर महिला सिपाही दिल्ली पुलिस में शामिल हुईं। इस समय राष्ट्रपति भवन में तैनात हैं। वर्ष 1991 में इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात थीं तो आईजीआई एयरपोर्ट पर एक महिला यात्री की जांच के दौरान उससे सोने के बिस्किट पकड़े। उसके इस अच्छे और मेहनत से किए गए कार्य की पुलिस उपायुक्त ने बड़ी सराहना की थी।

-हेडकांस्टेबल जय भगवान वर्ष 1988 में दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए। पूरी ईमानदारी से अपना काम किया। वर्ष 2016 में हेडकांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया। इस बीच उनहोंने 41 प्रशंसा पत्र व नकद पुरस्कार प्राप्त किये।

-उच्च निरीक्षक हर प्रसाद वर्ष 1979 में दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए और अपना काम पूरी लगन व ईमानदारी से किया। सहायक उच्च निरीक्षक हर प्रसाद बहुत ही अनुशासन प्रिय, बुद्धिमान, ईमानदार, पाबंद तथा मेहनती हैं।

-महिला हेडकांस्टेबल रजनी लाकडा वर्ष 1991 में बतौर सिपाही दिल्ली पुलिस में भर्ती हुईं और अपने कुशलतापूर्वक किये गए
कामों के लिए कई प्रशंसा पत्र प्राप्त करने में सफल रही। रजनी ने कानून व व्यवस्था से संबंधित सभी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाईं जिसकी विभिन्न जिला/इकाइयों में कार्यरत रहते हुए अनेक बार सराहना की गई।

-महिला हेडकांस्टेबल सुनीता वर्ष 1994 में बतौर सिपाही दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई और सौंपे गये सभी कार्यो को पूरी निष्ठा व जिम्मेदारी से किया। अनेक कार्य का अच्छा अनुभव रखने के साथ अनुशासन, बुद्धिमान, ईमानदार तथा मेहनती पुलिस कर्मी हैं।

-सिपाही कृष्ण कुमार गौड़ (अब हेडकांस्टेबल) वर्ष 1988 में बतौर सिपाही दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए। सौंपे सभी कार्यो को अच्छी से किया। अनेक कार्यों का अच्छा अनुभव रखने वाले कृष्ण कुमार गौड एक अनुशासन, बुद्धिमान, ईमानदार तथा मेहनती पुलिसकर्मी हैं।

-सिपाही राजपाल (अब हेडकांस्टेबल ) वर्ष 1993 में बतौर सिपाही दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए और अपने सेवाकाल के दौरान दक्षिण जिला, उत्तरी- पश्चिम जिला, विशेष शाखा तथा सुरक्षा शाखा में अपने दायित्व को सफलतापूर्वक निभाया। इन्हें कई मौकों पर प्रशंसा पत्र व नकद पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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