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चारा खाना लालू को पड़ा भारी

lalu 6 चारा खाना लालू को पड़ा भारी

चारा घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक जिसके 6 घोटालों में से 4 मे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इस घोटाले की शुरूआत छोटे-मोटे केसों से हुई थी और देखते ही देखते यह मामला लालू प्रसाद यादव तक पहुंचा।  950 करोड़ के इस घोटाले के कारण लालू यादव को मुख्यमन्त्री के पद से त्याग पत्र देना पड़ा।[4] लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी लालू ने अपनी जगह अपनी बीबी राबड़ी देवी को कुर्सी सौंप कर स्वयं ही सबसे बड़ा सबूत पेश कर दिया कि भैंस उनके आगे क्या चीज है वह चारा खाकर सिर्फ़ दूध ही तो देती परन्तु वह दूध की जगह बिहार की जनता को राबड़ी देकर जा रहे हैं।

lalu 6 चारा खाना लालू को पड़ा भारी

 

लालू को 6 में से इन 4 में सजा:

1) चाईबासा ट्रेजरी का पहला केस:30 सितंबर 2013 को लालू यादव को दोषी माना। उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई।

2) देवघर ट्रेजरी केस: 6 जनवरी 2017 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया।

3) चाईबासा ट्रेजरी का दूसरा केस:24 जनवरी 2018 को लालू को पांच साल की सजा सुनाई गई।

4) दुमका ट्रेजरी केस:लालू दोषी करार, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी।

इन 2 केस में चल रही सुनवाई

5) डोरंडा ट्रेजरी केस: सुनवाई चल रही है।

6) भागलपुर ट्रेजरी केस:इसकी सुनवाई पटना की सीबीआई कोर्ट में चल रही है।

 

लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया और सीबीआई जांच की मांग की गयी। सत्तारुढ़ पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व उसकी सहयोगी जनता दल जैसी दो-दो दिग्गज पार्टियों के नेताओं और नौकरशाही की मिलीभगत से की गयी सरकारी खजाने की इस चोरी की गूंज न सिर्फ़ भारत में बल्कि सात समुन्दर पार अमेरिका और ब्रिटेन में भी सुनायी दी जिससे भारत की राजनीति बदनाम हुई। हालांकि यह घोटाला 1996 में हुआ था लेकिन जैसे-जैसे जांच हुई इसकी पर्तें खुलती गयीं और लालू यादव व जगन्नाथ मिश्र जैसे कई सफेदपोश नेता इसमें शामिल नजर आये। मामला लगभग दो दशक तक चला। मीडिया ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जिसके चलते सीबीआई और न्यायपालिका अपनी-अपनी कार्रवाई में कोई कोताही नहीं कर पायी। इससे यह भी साफ हो गया कि इस देश को नेता नहीं बल्कि माफिया चला रहे हैं जिन्होंने इसकी अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। अंगूठाकार न्यायालय ने चारा घोटाले में लालू यादव को दोषी घोषित किया। उनकी लोकसभा की सदस्यता छीन ली गयी और 11 वर्ष तक कोई चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध लगा दिय गया। लालू प्रसाद यादव और जदयू नेता जगदीश शर्मा को घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोक सभा से अयोग्य ठहराया गया। चुनाव आयोग के नये नियमों के अनुसार लालू प्रसाद अब 11 साल तक लोक सभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। उच्चतम न्यायालय ने चारा घोटाला में दोषी सांसदों को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने से बचाने वाले प्रावधान को भी निरस्त कर दिया है। लोक सभा के महासचिव एस० बालशेखर ने यादव और शर्मा को सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने की अधिसूचना जारी कर दी। लोक सभा द्वारा जारी इस अधिसूचना के बाद संसद की सदस्यता गंवाने वाले लालू प्रसाद यादव भारतीय इतिहास में लोक सभा के पहले सांसद हैं और जनता दल यूनाइटेड के एक अन्य नेता जगदीश शर्मा दूसरे, जिन्हें 10 साल के लिये अयोग्य ठहराया गया।

 

आपको बता दें कि चारा के नाम पर चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ रुपए के गबन का दोषी पाए जाने के बाद लालू को 2013 में भी जेल जाना पड़ा था। तब वे दो महीने रांची जेल में रहे थे। 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा था। उसी साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।

 

नीलम

 

 

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