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59 सीटों पर प्रचार का आज होगा फुलस्टाप, इनकी प्रतिष्ठा है दांव पर

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नई दिल्ली। आज यानी शुक्रवार को छठे चरण का चुनाव प्रचार शाम 5 बजे थम जाएगा. इस चरण में 12 मई को जिन 59 सीटों पर वोटिंग है उसपर पिछली बार बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 2, टीएमसी ने 8 और अन्य ने पांच सीटें जीती थी. इस चरण में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मोदी सरकार के मंत्री राधा मोहन सिंह, बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, क्रिकेटर से पॉलिटिशियन बने गौतम गंभीर समेत कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर है।
छठें चरण की कई सीटों पर लड़ाई रोचक है. आजमगढ़ में सपा चीफ अखिलेश यादव के सामने बीजेपी की ओर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ, भोपाल में दिग्विजय सिंह के सामने बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने बीजेपी ने डॉ. केपी यादव, उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से शीला दीक्षित के सामने बीजेपी ने मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है।
भोपाल सीट से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है. दिग्विजय सिंह 1993 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद वे 2003 तक मुख्यमंत्री रहे. 2003 में बीजेपी की उमा भारती सीएम बनीं. चुनाव हारने के बाद दिग्विजय सिंह ने तय किया कि वे अगले 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ेंगे. फिर वे पार्टी के महासचिव बन गए. आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की जिम्मेदारी दी गई. जनवरी 2014 में वह मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुने गए।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अखिलेश यादव ने 2000 में अपना पहला लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट से लड़ा और जीते. इसके बाद वह 2004 और 2009 का चुनाव भी कन्नौज से जीते. 2012 में महज 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

हंसराज हंसः 26 साल संगीत का सफर, 10 साल से सियासत में
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी के टिकट पर गायक हंसराज हंस चुनाव लड़ रहे हैं. हंस राज हंस ने 2009 में शिरोमणि अकाली दल से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की. पांच साल बाद, 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली. फिर 10 दिसंबर 2016 को भाजपा में शामिल हो गए. 2017 में एमसीडी चुनाव में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं. इस बार फिर वह गुना सीट से ही मैदान में है. 30 सितंबर, 2001 को विमान हादसे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया की मौत हो गई. फिर ज्योतिरादित्य राजनीति में आए. 2002 लोकसभा में उन्हें सर्वप्रथम चुना गया, 2004 में 14वीं लोकसभा में उन्हें दोबारा चुना गया।

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