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CAG रिपोर्ट ने जारी किया चौकाने वाला आंकड़ा, राजस्व घाटे में आई पांच गुना की वृद्धि

buget CAG रिपोर्ट ने जारी किया चौकाने वाला आंकड़ा, राजस्व घाटे में आई पांच गुना की वृद्धि

देहरादून। उत्तराखंड के वित्तीय हालात की एक धूमिल तस्वीर पेश करते हुए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में पेश किए गए राज्य वित्त और लेखा परीक्षा पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2017 में राजस्व घाटे में पांच गुना वृद्धि देखी गई है।

संयोग से उत्तराखंड वर्ष 2013-14 में एक राजस्व अधिशेष राज्य था। वर्ष 2016-17 में राज्य का राजस्व घाटा 383 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 1978 करोड़ रुपये हो गया। वित्तीय घाटा भी वर्ष 2016-17 में 5467 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 7935 करोड़ रुपये हो गया।

कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जीएसडीपी का 3.65 प्रतिशत राजकोषीय घाटा 15 वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित जीएसडीपी के 3.25 प्रतिशत के मानक लक्ष्य से अधिक था। मार्च 2018 तक महालेखाकार को प्रस्तुत करने के कारण सीएजी ने सरकारी विभागों को 102 उपयोग प्रमाणपत्र (यूसी) के गैर-उप-प्रधान के लिए भी प्रेरित किया।

इसने सुझाव दिया कि सरकार को विभागों द्वारा यूसी की समयबद्ध प्रस्तुति सुनिश्चित करनी चाहिए। कैग ने चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को अनुबंधों के उल्लंघन के लिए डॉक्टरों से 18 करोड़ रुपये के मुआवजे का एहसास करने में विफल रहने के लिए प्रेरित किया। संपर्क करने पर, संसदीय कार्य मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सभी वित्तीय पैरामीटर अनुमेय सीमा के भीतर हैं। उन्होंने ढांचागत परियोजनाओं के लिए राजकोषीय घाटे में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया।

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