लखनऊ: सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं साल में कई बार होती हैं। सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी जब एक विशेष घड़ी में अपने घूर्णन के दौरान एक लाइन में आ जाते हैं, तब ऐसी खगोलीय घटनाएं होती हैं। साल का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार को पड़ रहा है, यह कई वर्षों बाद एक अद्भुत संयोग है।
148 साल बाद ऐसा संयोग
10 जून 2021 को सूर्य ग्रहण एक अद्भुत संयोग होगा, इस दौरान चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाएगा। तीनों आकाशीय पिंड एक ही लाइन में होंगे। इसी का परिणाम सूर्य ग्रहण के तौर पर दिखाई देगा। इस बार सूर्य ग्रहण इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि शनि जयंती का भी योग बन रहा है। हालांकि भारत में यह सिर्फ कुछ ही हिस्सों में दिखाई देगा।
क्या होगा भारत में असर
साल के पहले सूर्य ग्रहण का भारत में ज्यादा असर दिखाई नहीं देगा। यह अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख की उत्तरी सीमा के कुछ इलाकों में ही नजर आएगा। शाम को करीब 5:52 पर इसे देखा जा सकता है। इस बार शनि जयंती और सूर्य ग्रहण का योग एक साथ बन रहा है। करीब 148 साल बाद ऐसा योग बना है।
इसके पहले 26 मई 1873 को सूर्यग्रहण और शनि जयंती का योग साथ में पड़ा था। शास्त्रों के अनुसार सूर्य भगवान शनि देव के पिता हैं, ऐसे में पिता-पुत्र का साथ में आना शास्त्र में खास हो जाता है। साल का यह पहला सूर्यग्रहण साउथ अमेरिका, हिंद महासागर, अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस में भी इसे देखा जा सकेगा।