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बड़ा मंगल: यूपी में पाबंदियों के बीच लोग करेंगे मारुति नंदन का अभिनंदन

बड़ा मंगल: यूपी में पाबंदियों के बीच लोग करेंगे मारुति नंदन का अभिनंदन

लखनऊ: हिंदी पंचाग के अनुसार 27 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है और एक जून को बड़ा मंगल का पहला पावन दिन पड़ रहा है। कोविड संक्रमण के बीच इस बार भी राजधानी के चौराहे पंडाल एवं मंदिरों के पास भव्य मेले से महरूम हैं।

मगर, कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए मंदिर के कपाट भोर के पहर से खोल दिए जाएंगे। हनुमान भक्त सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर एवं मास्क पहनकर मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। फिर इन पाबंदियों के बीच वह मारुति नंदन का अभिनंदन कर आशीष ले पाएंगे।

दूर से दर्शन कर सकेंगे भक्त

दरअसल, राजधानी के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, पंचमुखी, हनुमान सेतु, लेटे हुए हनुमान मंदिर, टडियन मंदिर, छाछी कुंआ हनुमान मंदिर, वरदानी हनुमान मंदिर समेत हनुमान मंदिरों में गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

भक्त दूर से दर्शन कर सकेंगे, जबकि अलीगंज के ऐतिहासिक हनुमान मंदिर में भी रामभक्त बाहर से दर्शन करेंगे। कोविड की नियम व शर्तों के अनुसार, इस बार भी श्रृद्धालुओं को घंटा बजाने बजाने की अनुमति नहीं है।

नवाबी सल्तनत से जारी है प्रथा

अवध के इतिहासकार बताते हैं कि अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर की तामीर अवध के तीसरे नवाब शुजाउद्दौला की बेगम और दिल्ली मुगलिया सल्तनत  बेटी बेगम आलिया ने कराई थी। लखनऊ में सन् 1792 से 1802 के बीच मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ था।

बताते हैं कि इस्लाम बाड़ी में बेगम साहिबा की अर्जी पर मारुति नंदन ने उन्हें अपने आकार में अपना भव्यरूप दिखाया था। फिर नवाबों की सहमति से मंदिर का निर्माण प्रारंभ किया गया। कहा जाता है कि आज भी मंदिर के गुंबद पर बना चांद का निशान आपसी सौहार्द का प्रतीक है।

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