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पर्सीवरेंस रोवर से भेजी गई पहली ऑडियो रिकॉर्डिंग, नासा ने जारी की वीडियो

rover पर्सीवरेंस रोवर से भेजी गई पहली ऑडियो रिकॉर्डिंग, नासा ने जारी की वीडियो

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने मार्स यानी मंगल ग्रह की पहली ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की। 10 सेकंड की इस ऑडियो क्लिप में बहुत मामूली आवाज है। नासा के मुताबिक, यह उसके पर्सीवरेंस रोवर के उतरने के बाद वहां मौजूद धूल और मिट्टी पर पड़े दबाव की वजह से पैदा हुई। नासा ने इसके साथ ही लाल ग्रह पर पर्सीवरेंस रोवर की लैंडिंग का वीडियो भी जारी किया है। इस रोवर ने गुरुवार को मंगल ग्रह पर लैंडिंग की थी।

लैंडिग के बाद माइक्रोफोन ने काम नहीं किया था
मीडिया रिपोर्ट्स में नासा के हवाले से कहा गया है कि गुरुवार को जब पर्सीवरेंस ने मार्स पर लैंडिंग की थी उस दौरान इसके माइक्रोफोन ने काम करना अचानक बंद कर दिया था। यही वजह है कि लैंडिंग के दौरान का इसका ऑडियो सामने नहीं आ सका था। हालांकि, इसके बाद माइक्रोफोन ने काम करना शुरू कर दिया और अब इसकी पहली क्लिप नासा ने जारी की है। मिशन के कैमरा और माइक्रोफोन सेक्शन इंजीनियर डेव ग्रुएल ने कहा कि 10 सेकंड के इस क्लिप में बहुत धीमी और मामूली आवाज सुनी जा सकती है, लेकिन रिसर्च के लिहाज से यह बेहद कीमती है।

वीडियो क्लिप भी किया जारी
ऑडियो के साथ ही नासा ने एक लैंडिंग टाइम यानी टच डाउन वीडियो जारी किया है। 3 मिनट 25 सेकंड के इस वीडियो में तीन फ्रेम हैं। इसमें दिखता है कि रोवर ने कैसे लैंडिंग की। हीट शील्ड और पैराशूट भी नजर आते हैं। इसी वीडियो में नासा के स्टाफ की खुशी के पल भी कम्पाइल किए गए हैं। नासा ने कहा- यह इतिहास में पहली बार हुआ जब मार्स पर लैंडिंग का वीडियो और तस्वीरें ली गई हैं। हम इनका अध्ययन शुरू कर चुके हैं।

रोवर बिल्कुल सही हालत में
पर्सीवरेंस की मिशन मैनेजर जेसिका सैमुअल्स ने कहा- अब तक सभी चीजें वैसी ही हैं, जैसी हम चाहते थे। यह बिल्कुल हमारी उम्मीदों के मुताबिक ही काम कर रहा है। अब हम जल्द ही इसके साथ मौजूद हेलिकॉप्टर की पहली उड़ान पर फोकस करेंगे। फिलहाल, शुरुआती तैयारियां की जा रही हैं।

वीडियो का अंत रोवर के मंगल ग्रह की सतह को छूते ही
इस वीडियो की शुरुआत रोवर के मंगल ग्रह के वातावरण में पहुंचने के ठीक 230 सेकंड बाद होती है। मंगल ग्रह के 7 मील ऊपर नासा के रोवर का पैराशूट खुल जाता है। वीडियो का अंत रोवर के मंगल ग्रह की सतह को छूने के साथ होता है. नासा से जुड़े थॉमस जुरबूचेन ने कहा, ‘रोवर के लैंडिंग का यह वीडियो बहुत शानदार है और सूट पर ज्‍यादा दबाव डाले बिना आप इसे कर सकते हैं।’ उन्‍होंने कहा कि यह हर युवा महिला और पुरुष वैज्ञानिक के लिए जरूरी होना चाहिए जो दूसरी दुनिया की खोज करना चाहते हैं और ऐसे यान बनाना चाहते हैं जो उन्‍हें दूसरी दुनिया में ले जाए. नासा के इस अत्‍याधुनिक रोवर में कुल 23 कैमरे लगे हुए हैं। इसमें जूम करने और रंगीन वीडियो बनाने की क्षमता है। रोवर में एक हेलीकॉप्‍टर लगा है जिसे इंजेन्यूटी नाम दिया गया है। यह रोवर मंगल ग्रह पर उतरने के बाद नासा के वर्ष 2006 में भेजे गए ऑर्बिटर की मदद से अपना डेटा और तस्‍वीरें भेज रहा है।

क्या करेगा रोवर ?
पर्सीवरेंस रोवर कोर वहां चट्टानों और मिट्टी से सैंपल लेगा और भविष्य में वहां जाने वाले मिशन इन सैंपल्स को धरती पर वापस लेकर आएंगे। दरअसल, इन सैंपल्स को स्टडी करने के लिए वैज्ञानिकों को बड़े लैब की जरूरत होगी जिसे मंगल पर ले जाना संभव नहीं है। इसके अलावा मिशन ऐसी जानकारियां इकट्ठा करेगा और टेक्नॉलजी को टेस्ट करेगा जिनसे आने वाले समय में मंगल पर इंसानों को भेजने का तरीका खोजा जा सके। इसमें सबसे अहम होगा मंगल के वायुमंडल में ऑक्सिजन बनाने का तरीका खोजना।

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