अमावस्या 2021। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर एक दिन का अपना अलग महत्व होता है। इसके साथ ही लोगों की आस्थाएं भी जुड़ी हुई होती हैं। नए साल 2021 शुरू हो चुका है। जिसके चलते धीरे-धीरे समयानुसार त्यौहार आते जा रहे हैं। इसके साथ ही साल की पहली अमावस्या 12 जनवरी को है। इस दिन का हमारे दैनिक जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। इसके साथ ही हिंदू धर्म में जितना पूर्णिमा का महत्व है उतना ही अमावस्या का भी महत्व होता है। पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा तो कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन दान-स्नान का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से घर से नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाती है।
अमावस्या के दिन पूजन विधि-
बता दें कि अमावस्या के दिन का हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्व होता है। जिसके चलते हम इन विधि विधान से पूजा करते हैं। अमावस्या के दिन पितरों को शांत करने के लिए श्राद्ध कर्म, स्नान, दान-पुण्य और पितृ तर्पण करना शुभ माना गया है। सवेरे स्नान करने के बाद सूर्य देवता को जल अर्पण करें और लाल पुष्प और लाल चंदन डालकर अर्घ्य दें। कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है। कुछ लोग पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत भी करते हैं। इसके बाद पीपल के पेड़ और तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और एक चौमुखी दीपक जलाकर उनसे खुशहाल जीवन की प्रार्थना करें। अराधना करते हुए आप तुलसी या पीपल की परिक्रमा भी कर सकते हैं। अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान करना भी बड़ा शुभ माना जाता है। इस दिन आप किसी भी सफेद वस्तु या खाने की चीज का दान कर सकते हैं।
ये है अमावस्या का शुभ मुहूर्त-
पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त बुधवार, 13 जनवरी को है। हालांकि अमावस्या तिथि मंगलवार, 12 जनवरी दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और सोमवार 13 जनवरी सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन होगा। अमावस्या के दिन नदी में स्नान कर दान-पुण्य और पितृ तर्पण करना लाभकारी माना जाता है। इस साल कुल 14 अमावस्या पड़ेंगी। इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने से पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।