लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोशल मीडिया शाखा में तैनात पार्थ श्रीवास्तव के आत्महत्या मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है। शनिवार को पार्थ के पिता ने इंदिरानगर थाने में केस दर्ज कराया है।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा आज जानकारी दी गई कि, 19 मई को इंदिरानगर के वैशाली इन्क्लेव निवासी पार्थ श्रीवास्तव ने अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। इस संबंध में पार्थ के पिता ने पुलिस को जानकारी दी थी।
सहकर्मियों के खिलाफ एफआईआर
शनिवार को पार्थ के पिता ने अपने बेटे के कुछ सहकर्मियों पर उसे आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए इंदिरानगर थाने में शिकायती पत्र दिया है। इसी के आधार पर इंदिरानगर थाने में पार्थ के सहकर्मियों के खिलाफ धारा 306 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कर विवेचनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
पार्थ श्रीवास्तव आत्महत्या प्रकरण के सम्बन्ध में।@Uppolice pic.twitter.com/X0I4rzOqUQ
— POLICE COMMISSIONERATE LUCKNOW (@lkopolice) May 22, 2021
गौरतलब है कि पार्थ श्रीवास्तव के साथ ही उनके कमरे से दो पन्ने का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। इसमें उन्होंने अपने साथ काम करने वाले कुछ लोगों के खिलाफ प्रताड़ना करने का आरोप लगाया था।
प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या
इसके बाद मृतक पार्थ श्रीवास्तव की बहन का बयान सामने आया। उन्होंने पुष्पेंद्र और शैलजा नामक लोगों के खिलाफ आरोप लगाते हुए बड़ी बात कही। मृतक की बहन का कहना था कि प्रताड़ना से तंग आकर उसके भाई ने आत्महत्या की है। इसके साथ ही पार्थ की बहन शालिनी ने अन्य जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि मरने से पहले व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा गया था, पार्थ का मोबाइल फोन भी पुलिस के पास है।
पार्थ का ट्वीट किया गया डिलीट
सुसाइड नोट के अलावा एक ट्वीट भी किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग किया गया था। सोशल मीडिया टीम के कर्मचारी की आत्महत्या मामले में अन्य पहलुओं के भी उजागर होने की आशंका जताई जा रही है। इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। ऐसे में पार्थ की बहन ने यह भी सवाल पूछा कि आखिर ट्वीट डिलीट किसने किया?