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Film भारत में सुनील ग्रोवर हैं फिल्म की जान, देखें सलमान में है कितना दम

film bharat poster Film भारत में सुनील ग्रोवर हैं फिल्म की जान, देखें सलमान में है कितना दम

निर्देशक – अली अब्बास जफर
स्टार कास्ट – सलमान खान, कैटरीना कैफ, जैकी श्रॉफ, सुनील ग्रोवर, दिशा पाटनी
रेटिंग – ***12 (3.5)

ईद पर सलमान की पिछली कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं थी जिनमें ट्यूबलाइट और रेस 3 जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल हैं। सलमान खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म आज बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो गई है. फिल्म की रिलीज का इंतजार फैंस बड़ी बेसब्री से कर रहे थे।
फिल्म देखने के बाद ये कहा जा सकता है कि सलमान खान ने इस ईद पर अपने फैंस को निराश नहीं किया है। ‘भारत’ में सलमान खान के साथ एक बार फिर पर्दे पर कैटरीना कैफ नजर आ रही हैं. दोनों की जोड़ी को पर्दे पर फैंस ने पहले भी काफी पसंद किया है और इस फिल्म में भी दोनों बेहद कमाल के लग रहे हैं. फिल्म का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया है और उन्होंने एक बार फिर अपनी फिल्म से ये साबित कर दिया है कि वो दर्शकों के दिल तक पहुंचने का रास्ता जानते हैं।
अली ने फिल्म में हर एक फ्लेवर डाला है . इसमें आपको एक्शन, कॉमेडी, रोमांस, इमोशन और दर्द जीवन का हर एक पहलू देखने को मिलेगा. सलमान और कैटरीना कैफ के अलावा फिल्म में सुनील ग्रोवर भी काफी अहम भूमिका में हैं. आपको शुरुआत से लेकर अंत तक वो फिल्म से बांधे रखते हैं. हालांकि दिशा पाटनी, जैकी श्रॉफ और नोरा फतेही को ज्यादा स्क्रीन स्पेस नहीं मिला है. लेकिन फिल्म में उनका इस्तेमाल काफी अच्छे तरीके से किया गया है।
क्या कहती है कहानी…
‘भारत’ की कहानी इसके नाम के साथ पूरी तरह से न्याय करती है. फिल्म का नाम है ‘भारत: जर्नी ऑफ अ मैन एंड कंट्री टुगैदर’ यानी कि एक शख्स के साथ उसका पूरा देश भी सफर करता है. फिल्म का सेंटर कैरेक्टर सलमान खान हैं जो कि बंटवारे के समय अपने पिता (जैकी श्रॉफ) और बहन (तब्बू) से पिछड़ जाते हैं. फिल्म के पहले ही सीन में पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद के एरियल शॉट से होती है. जिसमें ‘भारत’ (सलमान खान) कहानी सुनाते हैं।
भारत के पिता पाकिस्तान में स्टेशन मास्टर होते हैं और बंटवारे के बाद अपने परिवार के साथ हिंदोस्तान आ रहे होते हैं. लेकिन अचानक गदर मचता है और भारत के हाथ से उसकी छोटी बहन मधु का हाथ छूट जाता है. भारत को ट्रेन पर बिठाकर अपनी बेटी को ढूंढने के लिए जाते हैं और फिर कभी वापस नहीं आते. भारत अपनी मां और दो छोटे भाई बहनों के साथ हिंदोस्तान पहुंचते हैं और अपनी पुरानी दिल्ली में अपनी बुआ के घर पहुंचते हैं. भारत के पिता ने उसे इस दुकान के बारे में बताया था और वादा किया था कि वो उन्हें वहीं मिलेंगे..लेकिन वो कभी लौट कर नहीं आ पाए. हिंदोस्तान आते ही भारत को एक दोस्त मिलता है विलायती (सुनील ग्रोवर) जो आजादी के लड़ाई में अपना परिवार खो चुका होता है।
बुआ के पास पहुंचने के बाद भारत के परिवार की जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आती है और फिर शुरुआत होती है रोजगार की तलाश की. नौकरी के लिए भटकते हुए भारत और विलायती की मुलाकात राधा (दिशा पाटनी) से होती है और दोनों सर्कस ज्वाइन कर लेते हैं. लेकिन कुछ वक्त बाद दोनों इस नौकरी को छोड़ देते हैं और फिर इनकी मुलाकात कुमुद (कैटरीना कैफ) से होती है. जो उन्हें अरब ले जाती है और उनकी जिंदगी में हमेशा के लिए शामिल हो जाती है. इसके बाद भारत और विलायती की जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आते हैं और दोनों तेल मिल के मजदूर से नेवी में नौकरी तक का सफर तय करते हैं. फिल्म में सन 1950 से लेकर 2010 के बीच की दो बड़ी घटनाओं को भी शामिल किया है. जिसमें देश के पहले प्रधानमंत्री ज्वाहर लाल नेहरू का निधन और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के ग्लोबलाइजेशन पॉलिसी शामिल हैं।

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