जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर में हाल के दिनों में हुए अग्निकांड में पांच लोगों की मौत हो गई थी,जिसके लिए स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड़ के देरी से आने को कारण बताया था। स्थानीय लोगों का कहना था कि अगर फायर ब्रिगेड़ समय पर आ जाती तो पांचों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी। इसी को लेकर अब राजस्थान हाईकोर्ट में इस मुद्दे को हवा देते हुए राज्य में सुस्त पड़ी फायर ब्रिगेड़ को लेकर याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार और निगम को नोटिस जारी कर दिया है।
अधिवक्ता कुणाल रावत की तरफ से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में पर्याप्त फायर ब्रिगेड़ सिस्टम नहीं है। इसके अलावा फायर केंद्रों के पास इतना समान भी नहीं है, जिसके जरिए समय रहते आग पर काबू पाया जा सके। नेशनल बिल्डिंग कोड के मुताबिक 40 हजार जनसंख्या पर एक फायर ब्रिगेड होनी चाहिए, लेकिन शहर में 11 केंद्रों पर केवल पचास फायर ब्रिगेड के वाहन ही मौजूद है। इसके अलावा प्रदेश के 52 शहर-कस्बे ऐसे हैं जहां फायर बिग्रेड केन्द्र तो दूर एक फायर बिग्रेड वाहन तक नहीं है। कोर्ट में दायर याचिका में विद्याधर नगर में हुए हादसे का उदाहरण दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि फायरकर्मियों को सेना की तरह मुसैद होना चाहिए, लेकिन आग लगने पर कर्मचारी बिना संसाधन काफी देरी से पहुंचे।,जिसके चलते पांच लोगों की मौत हो गई। याचिका में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव, कलक्टर और नगर निगम आयुक्त को पक्षकार बनाया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने दिए हैं।