लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सियासी कुनबे में महाभारत ने एक बार फिर से आगाज कर दिया है और इस बार मुद्दा टिकट बंटवारा है। दरअसल सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सपा के उम्मीदवारों की 325 नामों की लिस्ट जारी की थी जिससे अखिलेश के समर्थकों की जगह चाचा शिवपाल के समर्थक शामिल थे जिसे देखकर सूबे के मुखिया नाराज हो गए और रातो रात विकास परिषद की उपाध्यक्ष सुरभि शुक्ला और उनके पति संदीप शुक्ला को पद से बर्खास्त कर दिया। बताया जा रहा है कि संदीप शिवपाल के काफी करीबी है। इसी बीच आज अखिलेश यादव ने अपने समर्थक विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई है जो 11 बजे शुरु होगी।
खबरों की मानें तो समाजवादी पार्टी के संभावित 325 उम्मीदवारों की सूची में 218 उम्मीदवार ही मुलायम और अखिलेश की लिस्ट के कॉमन है। यानि की मुलायम की लिस्ट के 107 उम्मीदवार ऐसे है जो कि अखिलेश की लिस्ट में नहीं है और वो अखिलेश के समर्थक नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में ये सियासी दंगल काफी तेज हो सकता है।
अखिलेश ले सकते है बड़ा फैसला:-
आगामी विधानसभा चुनावों की जारी लिस्ट से नाराज अखिलेश एक बड़ा कदम उठा सकते हैं। खबरों की मानें तो अखिलेश जल्द ही अयोध्या में मंत्री पवन पाण्डेय , बलिया में रामगोविंद और बाराबंकी में अरविंद सिंह गोप के समर्थन में रैली कर सकते है। इसके साथ ही उनके करीबियों को टिकट नहीं मिला तो वो उन्हें निर्दलीय भी लड़ा सकते है।
जानिए किसका कटा किसको मिला टिकट:-
-राज्य मंत्री पवन पांडेय का टिकट कट गया है।
-कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप का टिकट भी काट लिया गया है। उनकी जगह बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को टिकट दिया गया है।
-अयोध्या से विधायक है और राज्यमंत्री तेजनारायण पान्डेय का टिकट कट गया है।
-लखनऊ से अभिषेक मिश्र का टिकट कटाकर, अपर्णा यादव को टिकट दिया गया है।
-आजम खान के बेटे को स्वारा से मिला टिकट
-लखनऊ के डुमरियागंज से कमाल युसुफ मिला टिकट
-बस्ती के कप्तानगंज से राना किंकर सिंह को मिला टिकट
मुलायम ने कहा टिकट नहीं मिला तो मिलेगा सम्मान:-
बुधवार को सपा उम्मीदावरों की लिस्ट जारी करते हुए मुलायम ने कहा कि टिकट के लिए कई एजेंसीज से सर्वे कराया गया है। बहुत से लोग ऐसे है जिन्होंने पार्टी के लिए बहुत ईमानदारी से मेहनत किया है उन्हें भी टिकट नहीं मिला लेकिन सरकार बनने पर उन्हें सम्मान मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में मैंने टिकट नहीं पाने वालों को सम्मानित किया था। चर्चा, पर्चा और खर्चा यही तो पार्टी है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि नाराजगी पहले या चुनाव के बाद कर लेना। चुनाव से पहले आप हमसे मिल लिए और हम आपसे मिल लिए ये अच्छा हुआ।