ब्राजील के गोल कीपर एलिसन बेकर का पूरा परिवार ही गोलकीपर का है, उनकी मां भी गोल कीपर थीं। थियागो सिल्वा 17 साल की उम्र में टीबी के शिकार हो गए थे। लेकिन उन्होंने बीमारी के बाद वापसी की।भविष्य का सुपर स्टार बताए जा रहे 20 साल के गैब्रिएल जीसूस की परवरिश उनकी मां ने अकेले ही की है।
नेमार सीनियर ने आखिरी वक्त में अपने बेटे का नाम बदलकर नेमार रखा था।फुटबॉल में ब्राजील की टीम से भारत का लगाव पुराना रहा है। भारतीय फैंस के लिए अच्छी खबर यह है कि उलटफेर भरे इस वर्ल्ड कप में ब्राजील की टीम शानदार खेल दिखाते हुए क्वॉर्टर फाइनल में पहुंच चुकी है।
अगर भारत के किसी सामान्य फुटबॉल प्रेमी से ब्राजीली टीम के प्लेयर्स का नाम पूछेंगे तो वह भी दो-चार के नाम आसानी से बता देगा। हम आज यहां ब्राजीली टीम में शामिल कुछ प्लेयर्स की निजी जिंदगी और कुछ अनसुने पहलुओं से आपका एक छोटा सा परिचय कराने की कोशिश कर रहे हैं।
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अगर यह कहा जाए कि गोलकीपिंग एलिसन के खून में है तो गलत नहीं होगा। दरअसल एलिसन की मां भी फुटबॉल खेला करती थीं और वह भी गोलकीपर की भूमिका निभाती थीं। यही नहीं, एलिसन के बड़े भाई मुरिएल बेकर भी गोलकीपर हैं और शुरुआत में दोनों एक ही टीम से खेला करते थे।
एलिसन सबस्टिट्यूट के तौर पर टीम में थे और बड़े भाई मुरिएल के चोटिल होने पर ही एलिसन को मौका मिलता था। एक दिलचस्प बात यह भी है कि बेकर के अंकल जूते बनाने का काम किया करते थे और एलिसन ने अपने हाथों से अपने पहले फुटबॉल के जूते बनाए थे।