नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सानिध्य और 26 हजार से अधिक घरेलू दर्शकों के अपार समर्थन के बीच भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम ने फीफा विश्वकप में बेहतरीन प्रदर्शन किया। हालांकि यह मैच अमेरिका ने 3-0 से जीता। लेकिन भारत ने अपने प्रदर्शन से पूरे विश्व के करोड़ों फुटबॉल प्रेमियों का दिल जीत लिया। भारतीय टीम ने इस मैच में अपने से कहीं मजबूत अमेरिकी टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखकर लग ही नहीं रहा था कि यह टीम अपना पहला विश्व कप खेली।
बता दें कि इस मैच में दोनों ही टीमों ने जोरदार शुरूआत की। हालांकी अमेरिकी टीम कहीं ज्यादा आक्रामक रही। मुकाबले के 15वें मिनट में अमेरिका गोल करने के काफी करीब पहुंच गया था। जेयलिन लिंडसे ने बेहतरीन किक मारी, लेकिन गोलकीपर धीरज सिंह ने शानदार बचाव कर अमेरिका का प्रयास असफल कर दिया। अमेरिकी टीम ने अपना आक्रामक खेल जारी रखा और 19वें मिनट में टीम वीह ने एक शानदार मूव बनाकर गोल करने का प्रयास किया, लेकिन राहुल कनोली ने वीह का प्रयास असफल कर दिया।
वहीं इसके बाद भारतीय टीम ने भी पलटवार किया और गोल करने के काफी करीब भी पहुंची, लेकिन अंतिम समय में टीम के फॉरवर्ड चूक जाते थे, कभी गेंद उनसे छूट जाती तो कभी उनका शॉट गोल पोस्ट के ऊपर से निकल जाता। मैच के 30वें मिनट में अमेरिका को पेनल्टी मिला और कप्तान जोश सार्जेंट ने गोल करने में कोई गलती नहीं की। हॉफ समय की समाप्ती पर अमेरिका 1-0 से आगे रहा। दूसरे हॉफ के सातवें और मैच के 52वें मिनट में क्रिस डर्किन ने गोल कर अमेरिका को 2-0 से आगे कर दिया।
साथ ही इस गोल के 2 मिनट बाद ही मैच के 54वें मिनट में भारतीय टीम गोल करने के काफी करीब थी, लेकिन कोमल थलाल का शॉट गोल पोस्ट के ऊपर से निकल गया। मैच के 82वें मिनट में भारतीय टीम ने फिर प्रयास किया, लेकिन गेंद गोल पोस्ट पर लगकर निकल गई। इसके तुरंत बाद ही 83वें मिनट में कार्लटन एंड्रयू ने गोल कर अमेरिका की बढ़त 3-0 कर दी। मैच की समाप्ती पर यही स्कोर रहा और भारतीय टीम विश्व कप का अपना पहला मैच 3-0 से हार गई।