17 जून यानि की आज देश के कई हिस्सों मे योगिनी एकादशी मनाई जा रहा है। कहा जाता है कि, कष्टों से मुक्ति पानी है तो इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।जिन लोगों के जीवन में किसी भी प्रकार का संकट या बाधा बनी हुई है उनके लिए आज योगिनी एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। विधि पूर्वक आज पूजा करें और इस एकादशी व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त करें।
आज की जाने वाली पूजा कई गुणा लाभकारी मानी गयी है। योगिनी एकादशी के व्रत की महानता और विशेषताओं के बारे में भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी।
योगिनी एकादशी व्रत का मुहूर्त
17 जून, 2020- योगिनी एकादशी
17 जून, 2020- योगिनी एकादशी का समापन: शाम 4 बजकर 50 मिनट पर
व्रत का पारण: 18 जून 2020 को प्रात: 05.28 से 08.14 तक
पूजा की विधि
एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और सूर्य को जल अर्पित करें। इसके बाद पूजा स्थान को शुद्ध करें और भगवान विष्णु की प्रिय चीजों से श्रृंगार करें। इसके बाद पीले वस्त्र, पीले पुष्प और मिष्ठान अर्पित करें और धूप जलाकर व्रत आरंभ करें।
योगिनी एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इस दिन ध्यान रहे कि शाम के समय सोना नहीं चाहिए और ना ही किसी बात को लेकर क्रोधित होना चाहिए।
योगिनी एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन ना करें. माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है।
इस दिन पति पत्नी को किसी भी तरह के शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए।
योगिनी एकादशी का काफी महत्व होता है। इसलिए इस दिन ना तो किसी से कठोर शब्द कहने चाहिए और ना ही लड़ाई-झगड़ा करना चाहिए।
इस दिन व्यक्ति को साधा और साधारण तरह का भोजन करना चाहिए।
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इस तरह से आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करके समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।