कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सभी स्कूल बंद है। इस मुद्दे को लेकर लगातार राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है
लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सभी स्कूल बंद है। इस मुद्दे को लेकर लगातार राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है कि किस तरह स्कूलों को खोला जाए और स्थिति को पहले जैसी बनाया जाए। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
हाल ही में सरकार ने 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होने वाली सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया। कुछ छात्रों के माता पिता का कहना है कि ऐसे माहौल में परीक्षा कराना किसी खतरे कम नहीं है। इसलिए उन्होंने इस मामले पर आपत्ति जताई है। छात्रों के माता पिता का कहना था कि इससे छात्रों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
यूपी में उठाया बड़ा कदम
लेकिन इसी यूपी सरकार ने स्कूलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी शिक्षा बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण और नए सत्र के प्रवेश के लिए प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मियों को 6 जुलाई से बुलाने की अनुमति दे दी है।
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इसे लेकर अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिए हैं। विद्यालय संचालक सिर्फ ऑनलाइन क्लास और दाखिले के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को बुला सकेंगे। फिलहाल छात्र-छात्राओं को नहीं बुलाया जाएगा। सरकार का निर्देश है कि किसी भी हालत में सभी विद्यालय 15 जुलाई तक ऑनलाइन क्लास शुरू कर दें।
स्कूलों को किया जाएगा सैनिटाइज़
बता दें कि माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने इस बारे में जारी आदेश में कहा है कि अनलॉक-2 में सत्र नियमित करने और छात्रों के व्यापक हित में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों आदि को 6 जुलाई से बुलाये जाने की अनुमति दी गई है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए विद्यालय भवन, फर्नीचर आदि को रोज पूर्णत: सैनिटाइज करना होगा। प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग की जाए। तापमान सामान्य से अधिक होने पर विद्यालय में प्रवेश न दिया जाए तथा इसकी सूचना सीएमओ को दी जाए।